गोरखपुर बीएसए हुए निलंबित,छह विद्यालयों में मनमाने ढंग से लिपिकों की नियुक्ति करने का आरोप
उत्तर प्रदेश शासन ने गोरखपुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ओम प्रकाश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके ऊपर छह विद्यालयों में मनमाने ढंग से लिपिकों की नियुक्ति का गंभीर आरोप है। कई मामलों की जांच रिपोर्ट में भी अनियमितता पाई गई है। आरोप है कि बीएसए ने शिशु सेवा सदन कन्या जू.हा. दाउदपुर, गुलाब सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय समयथान भीटी बड़हलगंज, लाल बहादुर शास्त्री जूनियर हाईस्कूल दुर्गाबाड़ी गोरखपुर, राजेश मेमोरियल कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरहरी, स्वास्तिक पूर्व मा.वि धर्मशाला बाजार तथा राम प्रसाद बिस्मिल इंटर कालेज पांडेयपार में लिपिक पद पर अनियमित रूप से नियुक्ति की है। नियुक्ति की प्रक्रिया में शासनादेशों की अवहेलना की गई है। सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर-बस्ती मंडल की जांच रिपोर्ट में भी अनियमितता पाई गई है। एडी बेसिक की जांच रिपोर्ट के अनुसार बाबा सूर्य नारायण दास लघु माध्यमिक विद्यालय सिरसिया भटहट की मान्यता मामले में भी उन्होंने अनियमितता की है। विद्यालय ग्राम समाज की जमीन में स्थित है। जानकारी होते हुए भी बीएसए ने विद्यालय को मान्यता प्रदान कर दी है। उप जिलाधिकारी सदर ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर विद्यालय बनवाने संबंधी मामला पकड़ा है। प्रबंध समिति के खिलाफ अर्थ दंड लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश के बाद भी बीएसए ने फर्जी अभिलेख पर चल रहे विद्यालय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। सहायक रजिस्ट्रार के यहां मामला विचाराधीन होने के बाद भी बीएसए ने हरेंद्र सिंह को प्रबंधक बना दिया है। सजायाफ्ता ब्रह्मदेव यादव को प्रबंध समिति के अध्यक्ष पद से नहीं हटाया है। निर्धारित योग्यता नहीं होने के बावजूद संस्था प्रबंधक की मिलीभगत से चंद्र प्रकाश सिंह को प्रधानाध्यापक बना दिया है। इन अनियमितताओं में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उप्र सरकारी सेवक नियमावली के तहत शासन ने निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित की है।
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