बिना संसाधन ऑनलाइन पंजीकरण का दबाव, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017 के लिए बीएसए का निर्देश, पंजीकरण न कराने वाले प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने तक का आदेश
इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षा महकमे के अफसर बिना सुविधा मुहैया कराए ही शिक्षकों से यह निर्देश मनवाने पर उतारू हैं। कार्रवाई होने के भय के कुछ शिक्षक आदेश का अनुपालन भी कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश में नाराजगी है। मामला स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2017 का है। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसका ऑनलाइन पंजीकरण कराएं और आदेश न मानने वाले प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया जाए।
असल में स्वच्छता कार्यक्रम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इस बार स्वच्छ विद्यालय के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हुआ है। इसकी अंतिम तारीख 31 अक्टूबर तक रही है। तय समय में कुछ शिक्षकों ने यह पंजीकरण करा लिया है।इसकी वजह यह है कि वह शिक्षक तकनीक के मामले में खासे कमजोर हैं। यही नहीं उनका यह भी तर्क है कि अफसर तरह-तरह के आदेश जारी कर देते हैं, लेकिन किसी शिक्षक से यह नहीं पूछा गया कि पंजीकरण के लिए उनके पास संसाधन उपलब्ध है या नहीं।
इसके पहले भी छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र ई-मेल पर भेजने और प्रार्थना की फोटो भेजने तक का निर्देश हुआ है। हर दिन उपस्थिति की सूचना भी शिक्षकों को मोबाइल के जरिए ही भेजनी पड़ रही है। उनका कहना है कि अफसर उनकी समस्याएं सुनने को तैयार नहीं है, केवल आदेश जारी हो रहे हैं। इसमें शिक्षिकाओं का हाल सबसे बदतर है, उन्हें स्कूल के बाद साइबर कैफे का चक्कर लगाना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विकासखंड स्तर पर ही ऑनलाइन पंजीकरण एक साथ कराने का इंतजाम किया जाना चाहिए, ताकि सबको सहूलियत मिल सके।
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