गैरमान्यता वाले प्रशिक्षण संस्थानों को पिछली डेट से मंजूरी मिलेगी, फैसले से सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से बंदी का खतरा टला
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■ गैरमान्यता वाले प्रशिक्षण संस्थानों को पिछली डेट से मंजूरी मिलेगी
■ फैसले से सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों से बंदी का खतरा टला
नईदिल्ली : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद (एनसीटीई) की मंजूरी के बिना चल रहे सभी सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को मान्यता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद अधिनियम में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है। शीतकालीन सत्र में इसके लिए संसद में विधेयक पेश किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
दरअसल, कई केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान चलाए जा रहे थे, जिन्हें अभी तक राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) की मान्यता नहीं मिली थी। हालांकि, एनसीटीई ने सभी केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों को 31 मार्च 2017 तक मान्यता हासिल करने को कहा था। लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में ऐसे कई संस्थान चल रहे थे, जो यह अनुमति हासिल नहीं कर पाए थे। इस विधेयक के जरिये ऐसे सभी संस्थानों को पिछली तिथि से मान्यता देने का कदम उठाया गया है। इससे इन संस्थानों में पढ़ रहे और पूर्व में पढ़ चुके सभी छात्रों की डिग्री मान्य हो जाएगी। शिक्षण से जुड़े सभी बीएड, डीईएलएड कॉलेज इसके दायरे में आएंगे।
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