यूपीटीईटी (UPTET 2017) के अभ्यर्थियों के अपूर्ण रिजल्ट का प्रकरण पकड़ रहा तूल, मानवीय भूल को दरकिनार करते हुए रिजल्ट घोषित करने की मांग
इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2017 में अपूर्ण रिजल्ट का प्रकरण तूल पकड़ रहा है। अपूर्ण परिणाम पर विभाग मौन है, वहीं अभ्यर्थियों का दावा है कि करीब 20 हजार का परिणाम रुका है। इन परिणामों में अनुक्रमांक या फिर पंजीकरण नंबर जो सही हो, उसी से रिजल्ट घोषित किया जाए।
प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के बेसिक स्कूल में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा कराने जा रही है लेकिन, जिन अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम अपूर्ण हो गया है उन्हें शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल न होने का डर सता रहा है। यूपी टीईटी 2017 की परीक्षा 15 अक्टूबर को हुई और परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र परिणाम 15 दिसंबर को घोषित किया, जिसमें करीब बीस हजार अभ्यर्थियों का परिणाम अपूर्ण प्रदर्शित हो रहा है। यह वे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने ओएमआर सीट भरने में रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, कैटेगरी आदि भरने में गलती की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि मानवीय भूल के कारण ऐसा हो गया है यदि रोल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर में कोई एक सही है तो उस पर परिणाम घोषित किए जा सकते हैं।
अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से हुए इम्तिहान में परीक्षा के प्रश्नपत्र में ऐसे प्रश्न दे दिए गए थे जिसका सही विकल्प ही उसमें नहीं था साथ ही साथ दो बार उत्तर कुंजी का संशोधन हुआ और अब मामला कोर्ट में चल रहा है। जब खुद की गलती सुधारी जा सकती है तो अभ्यर्थियों की मानवीय भूल को भी दुरुस्त किया जा सकता है।
ओएमआर सीट में रजिस्ट्रेशन नंबर, अनुक्रमांक व नाम इसीलिए भराए जाते हैं कि यदि एक गलत हो तो दूसरे से मूल्यांकन किया जा सके। अभ्यर्थियों ने कहा कि पूर्व में दारोगा भर्ती, लोकसेवा आयोग, टीईटी 2011 सफेदा प्रकरण में अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जा चुका है। अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक व शासन से मांग की अपूर्ण अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित करके उनके साथ न्याय करें, अन्यथा अभ्यर्थी न्यायालय की शरण में जाएंगे।
इस प्रकरण में अभ्यर्थियों ने सचिव परीक्षा नियामक का घेराव किया था तब आश्वासन भी मिला था। हजारों की संख्या में प्रत्यावेदन भी सीधे व डाक से लिए गए हैं। वहीं, परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह का कहना है कि शासनादेश के तहत परीक्षा हुई और रिजल्ट जारी हुआ है इसमें बदलाव होना संभव नहीं है।
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