डीएलएड (पूर्व बीटीसी) 2018 में आवेदन संशोधन का मौका नहीं, दो चरण में ही सीटें भरने की मुहिम, पहली जुलाई से ही होगा सत्र शुरू
इलाहाबाद : डीएलएड यानि पूर्व बीटीसी 2018 के लिए अभी वेबसाइट तैयार नहीं हो सकी है। ऐसे में अब अगले माह से ही आवेदन हो सकेंगे। प्रक्रिया में देरी होने की वजह वेबसाइट में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं, ताकि अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। अगले सप्ताह एनआइसी, यूपी डेस्को, परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव व शासन की बैठक होगी। उसी के बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
डीएलएड 2018 में प्रवेश के लिए कार्यक्रम काफी पहले ही जारी कर चुका है लेकिन, वेबसाइट तैयार होने में देरी से यह प्रक्रिया रुकी है। तैयारी है कि अब अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन पत्र में संशोधन करने का अलग से मौका नहीं दिया जाएगा, बल्कि निर्देश होगा कि पहली बार ही अभ्यर्थी पूरे मनोयोग से आवेदन करें। इसकी वजह यह है कि आवेदन संशोधन के नाम पर कई बार दूसरे अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की जाती रही है, संशोधन का मौका न मिलने से इस पर अंकुश लगेगा। वहीं, हर अभ्यर्थी को ओटीपी भी उसके मोबाइल पर मुहैया कराने की तैयारी पहले से चल रही है। इसके अलावा विभाग शुल्क भुगतान करने की प्रणाली में भी बदलाव कर रहा है। अब अभ्यर्थी को आवेदन करने के साथ ही तत्काल डेबिट कार्ड या अन्य माध्यम से भुगतान करना होगा। ज्ञात हो कि पहले आवेदन व शुल्क भुगतान अलग-अलग तारीखों में होता रहा है। इससे समय कम लगेगा।
■ दो चरण में ही सीटें भरने की मुहिम : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की मानें तो अभ्यर्थियों से कालेज चयन कराकर दो चरण में ही सीटें भरने का लक्ष्य तय हो रहा है। इसके लिए सीट लॉक करने के लिए पहले दो हजार रुपये जमा कराए थे, इस धनराशि में इतनी बढ़ोतरी होगी कि एक बार सीट लॉक करने के बाद अभ्यर्थी आसानी से उसे छोड़े नहीं, ताकि ऑनलाइन काउंसिलिंग के बाद सीटें खाली नहीं रह पाएंगी।
■ पहली जुलाई से ही सत्र शुरू : परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह के अनुसार डीएलएड 2018 का सत्र पहली जुलाई से ही शुरू कराने की तैयारी है। इसीलिए भुगतान, आवेदन में संशोधन और जल्द काउंसिलिंग कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश की दो लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश दो माह में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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