डीएलएड की काउंसिलिंग आज से, स्टेट रैंक घोषित, संस्थान का विकल्प भरकर च्वाइस लॉक नहीं करेंगे तो भी मान्य
सत्र 2018 में प्रवेश
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) में प्रवेश पाने के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग गुरुवार से शुरू हो रही है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने स्टेट रैंक घोषित करने के साथ ही तारीखवार कार्यक्रम भी जारी किया है। काउंसिलिंग के दौरान ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानि डायट व अन्य निजी कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया भी चलेगी। इस बार संस्थान आवंटन के कई नियमों में बदलाव हुआ है, इससे अभ्यर्थी संस्थान की पसंद सावधानीपूर्वक भरे। संस्थान का विकल्प वेबसाइट के माध्यम से भरना है। अभ्यर्थी अपनी रैंक देख सकते हैं। उसी पर संस्थान का विकल्प भरने के दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। 1संस्थानों को भी सख्त निर्देश : प्रदेश के सभी प्रशिक्षण संस्थान प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों की ऑनलाइन रिपोर्ट हर हाल में चार जुलाई को रात आठ बजे तक वेबसाइट पर लॉक कर दें। ऐसा न करने वाले संस्थानों को अगले चरण में रिक्त सीटों के सापेक्ष अभ्यर्थी आवंटित नहीं होंगे। यदि कोई अभ्यर्थी संस्थानों का चयन करके वेबसाइट लॉक नहीं करता है तो भरे विकल्पों को स्वत: लॉक मान लिया जाएगा और उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। निर्देश है कि सभी अभ्यर्थी अधिक से अधिक विकल्प भरे, ताकि संस्था आवंटन में परेशानी न हो। अभ्यर्थी चाहें तो एक बार में वरीयता क्रम में सभी संस्थानों का विकल्प दे सकते हैं।1आवंटन पत्र को देना होगा दस हजार : 1अभ्यर्थी की मेरिट के अनुसार प्रशिक्षण के लिए आवंटित संस्था में प्रवेश पाने को आवंटन पत्र का प्रिंट निकालना होगा। इसके लिए उन्हें वेबसाइट पर दी गई बैंक की लिंक पर जाकर दस हजार रुपये का भुगतान करना होगा। इसके लिए डेबिट, क्रेडिट, इंटरनेट बैंकिंग व अन्य माध्यमों का प्रयोग कर सकते हैं। सीट आवंटन के बाद प्रवेश न लेने या अन्य अभिलेखीय विसंगति मिलने पर अभ्यर्थी के आवंटन पत्र का शुल्क वापस नहीं होगा। 1प्रवेश लेना अनिवार्य, दोबारा नहीं मिलेगा मौका : अभ्यर्थी को विकल्प व मेरिट के अनुसार संस्थान आवंटित होने के बाद उसी कालेज में प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। एक बार प्रशिक्षण संस्थान का आवंटन होने के बाद अभ्यर्थी को अगले चरण में फिर से ऑनलाइन काउंसिलिंग में संस्थान चुनने का कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। अभ्यर्थी तय तारीख पर आवंटन पत्र के साथ अभिलेखीय जांच के लिए संबंधित संस्थान में पहुंचे।
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