बुनियादी शिक्षा का होगा कायाकल्प, कक्षा एक से 5 तक के छात्रों के सीखने का स्तर जाएगा सुधारा
कक्षा 3 का बच्चा हिन्दी की एक लाइन नहीं पढ़ पाता और कक्षा 5 का बच्चा दो अंकों की संख्या जोड़ नहीं पाता। समय-समय पर होने वाले सर्वे में ये तथ्य सामने आता रहा है। इन्हीं से निपटने के लिए अब बेसिक शिक्षा विभाग ‘ऑपरेशन कायाकल्प' चलाएगा। विभागीय विशेष सचिव एस राजलिंगम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस अभियान को कक्षा 1 से 5 तक के लिए चलाया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और नेशनल अचीवमेंट सर्वे में सामने आता रहा कि जो लर्निंग इंडीकेटर (सीखने के संकेतक) निर्धारित किए गए हैं वहां तक बच्चे पहुंच ही नहीं पाते। इसलिए वहां तक यानी लर्निंग इंडीकेटर तक बच्चों को पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें कक्षा 1 व 2 और कक्षा 3,4,5 को दो अलग-अलग समूहों में बांट कर पढ़ाया जाएगा। इसके लिए कक्षा आधारित स्तर नहीं, बल्कि बच्चों के स्तर के मुताबिक सीखने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कार्यक्रम का बेसलाइन, छमाही, वार्षिंक मूल्यांकन किया जाएगा। छमाही सितम्बर में और वार्षिक मूल्यांकन फरवरी में किया जाएगा। कक्षा 1 व 2 में सरल वाक्यों को पढ़ना, 1 से 20 अंकों को पहचानना, 20 तक के अंकों के साथ जोड़-घटाव आना चाहिए। वहीं कक्षा 3 से 5 में सरल अनुच्छेद पढ़ना, मौलिक विचारों की अभिव्यक्ति और 100 तक के अंकों की पहचाना कराना शामिल है।
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