प्रदेश के अधिकांश जिलों में शिक्षकों की तैनाती में असंतुलन बरकरार, अफसरों की मनमानी नीति से जिले के अंदर तबादले व समायोजन नहीं, आठ बच्चों पर तीन शिक्षक, कहीं 151 को पढ़ाने वाला कोई नहीं

प्रदेश के अधिकांश जिलों में शिक्षकों की तैनाती में असंतुलन बरकरार, अफसरों की मनमानी नीति से जिले के अंदर तबादले व समायोजन नहीं

इन स्कूलों की छात्र व शिक्षक संख्या को गौर से देखिए। दोनों खुद बता रही हैं छात्र व शिक्षकों का अनुपात किस तरह से गड़बड़ाया है। यह तस्वीर चुनिंदा जिलों की ही नहीं है, बल्कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में इसी तरह के हालात हैं। बेसिक शिक्षा के अफसर हर साल बड़े दावे और लंबा शासनादेश जरूर जारी कर रहे हैं लेकिन, उसका अनुपालन कराने में पूरा विभाग हांफ रहा है। पिछले वर्ष समायोजन व जिले के अंदर तबादले नियमों के कारण नहीं हो सके। इस साल अभी तक नई नीति नहीं आ सकी है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में हर साल सत्र शुरू होने से पहले शैक्षिक कैलेंडर जारी करके बच्चों को पढ़ाने के निर्देश होते हैं। कुछ जिलों को छोड़कर अधिकांश में शिक्षक भी पर्याप्त संख्या में हैं लेकिन, उनका संयोजन सही नहीं है।

कहीं छात्र बहुत कम और शिक्षक अधिक हैं तो कहीं बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है। तैनाती में असंतुलन बढ़ने से स्कूलों में पठन-पाठन चौपट है। कुछ स्कूलों में तो शिक्षक बच्चों को स्कूल के समय में सिर्फ बैठाए रखने की ही ड्यूटी जैसे-तैसे निभा पा रहे हैं, क्योंकि पांच कक्षाओं के छात्र-छात्रओं को एक साथ पढ़ा पाना संभव नहीं है। पढ़ाई न होने व यूनिफार्म, किताबें, बैग, जूता-मोजा आदि समय से न मिल पाने के कारण परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या घट रही है। 176 हजार शिक्षक अधर में

पिछले वर्ष जिले के अंदर तबादले व समायोजन के लिए सभी जिलों के करीब 76 हजार शिक्षकों ने दूसरे स्कूल में जाने का आवेदन किया था। शासन 30 अप्रैल की छात्र संख्या को आधार बनाकर यह बदलाव करना चाहता था, वहीं शिक्षक सितंबर की छात्र संख्या को आधार बनाने की मांग कर रहे थे। प्रकरण कोर्ट पहुंचा, करीब आठ महीने सुनवाई चली। अब जिले के अंदर तबादले व समायोजन नई तबादला नीति पर होंगे। इसी तरह से हर जिले में बड़ी संख्या में शिक्षक सुविधा के अनुसार संबद्ध हैं।

कानपुर नगर का प्राथमिक विद्यालय फुफवार द्वितीय में 151 छात्र पढ़ रहे हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है। शिक्षामित्र के भरोसे स्कूल चल रहा है। उच्च प्राथमिक स्कूल फुफवार प्रथम में 103 छात्रों के लिए तीन शिक्षक तैनात हैं।

फैजाबाद जिले के उच्च प्राथमिक स्कूल रामपुर हलवारा में आठ छात्र हैं, उन्हें पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक तैनात हैं। बाराबंकी जिले के उच्च प्राथमिक स्कूल बहरौली में 150 छात्रों को पढ़ाने को 17 अध्यापक नियुक्त हैं।

इलाहाबाद जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मदरा में 14 छात्रों को तीन शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इसी जिले के प्राथमिक स्कूल बांका जलालपुर में 110 छात्रों को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नियुक्त नहीं है, संबद्ध शिक्षक व शिक्षामित्र स्कूल खोल रहे हैं।केस एककेस दोकेस तीन

प्रदेश के अधिकांश जिलों में शिक्षकों की तैनाती में असंतुलन बरकरार, अफसरों की मनमानी नीति से जिले के अंदर तबादले व समायोजन नहीं, आठ बच्चों पर तीन शिक्षक, कहीं 151 को पढ़ाने वाला कोई नहीं Reviewed by ★★ on 7:41 AM Rating: 5

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