एक सप्ताह में 68500 शिक्षक भर्ती की स्कैन कॉपी मुहैया कराएगा परीक्षा नियामक प्राधिकारी, कोड सिस्टम के चलते अनुक्रमांक न मिलने से हो रही देरी
इलाहाबाद : 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा की स्कैन कॉपी दावेदारों को एक सप्ताह के अंदर मिलने के संकेत हैं। कॉपियों का मूल्यांकन कोड सिस्टम से हुआ है, वहीं अनुक्रमांक बनाने वाली एजेंसी से लिस्ट मांगी गई है, इसमें देरी से स्कैन कॉपियों का वितरण नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा पीएनपी इस पर भी मंथन कर रहा है कि स्कैन कॉपी किस तरह से सौंपी जाए, उन्हें डाक से भेजे या फिर अभ्यर्थी बुलाकर सौंपा जाए।
परिषदीय स्कूलों की की 27 मई को हुई लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मूल्यांकन को लेकर सवाल उठा रहे हैं। पहले यह दुष्प्रचार हुआ कि दोबारा मूल्यांकन, कॉपी दिखाने आदि की शासनादेश में व्यवस्था नहीं है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने स्पष्ट किया कि नौ जनवरी के शासनादेश में दो हजार रुपये के डिमांड ड्राफ्ट देने पर स्कैन कॉपी मुहैया कराई जाएगी। उसके बाद से लेकर अब तक करीब दो सौ आवेदन हो चुके हैं, लेकिन स्कैन कॉपी कब मिलेगी इसको लेकर वाजिब जवाब नहीं मिल रहा था।
इस पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने बताया कि एजेंसी से अनुक्रमांक मिलने में देरी के कारण समय नहीं बताया जा रहा था लेकिन, एक सप्ताह के अंदर स्कैन कॉपी सौंपने की तैयारी की है। यह कॉपियां किस तरह से मुहैया कराई जाए, इस पर अंतिम निर्णय जल्द लेंगे।
■ कम अंक मिलने से अभ्यर्थी परेशान
परीक्षा देने वाले तमाम अभ्यर्थियों का कहना है कि कार्बन कॉपी और उत्तर कुंजी के आधार पर उन्हें उत्तीर्ण प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने चाहिए लेकिन, वह अनुत्तीर्ण होने से हैरान हैं। इसलिए हर हाल में कॉपी देखना चाहते हैं। प्रीती भारती ने कहा कि उन्हें 95 की जगह 48, कुलदीप को 106 की जगह 16, अंकित को 122 की सिर्फ 22 अंक ही मिले हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या और अधिक है। वह लगातार कार्यालय के सामने व अफसरों की चौखट पर कॉपी दिखाने की गुहार लगा रहे हैं।
■ पीसीएस 2015 में कॉपी बदल चुकी
उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस 2015 में रायबरेली की सुहासिनी बाजपेयी की कॉपी दूसरे अभ्यर्थी से बदल गई थी। यह प्रकरण इतना तूल पकड़ा कि अब आयोग की सीबीआइ जांच हो रही है। उसके बाद भी परीक्षा संस्थाएं मूल्यांकन को लेकर गंभीर नहीं हो रही हैं।
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