18,890 कंपोजिट स्कूल बनाने का इरादा, भंग होंगी अलग-अलग स्कूलों की विद्यालय प्रबंध समितियां, होगा पुनर्गठन, प्रदेश में एक परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के आपस में ही विलय का प्रस्ताव
18,890 कंपोजिट स्कूल बनाने का इरादा, भंग होंगी अलग-अलग स्कूलों की विद्यालय प्रबंध समितियां, होगा पुनर्गठन, परिसर में संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के आपस में ही विलय का प्रस्ताव
लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की मंशा परवान चढ़ी तो प्रदेश में एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में चल रहे परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर कक्षा एक से आठ तक के 18 हजार से ज्यादा कंपोजिट स्कूल संचालित किये जाएंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद ने बीती 22 अक्टूबर को बैठक कर एक ही परिसर में अलग-अलग भवनों में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का आपस में विलय कर उन्हें एक (कंपोजिट) विद्यालय के रूप में संचालित करने का फैसला किया था। यह भी तय हुआ था कि परिसर में संचालित सभी विद्यालयों में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापकों में वरिष्ठतम ही कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाध्यापक होगा जो विद्यालय का वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण करेगा।
प्रदेश में एक ही परिसर में संचालित परिषदीय विद्यालयों के तीन प्रकार हैं। कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें एक ही कैंपस में एक प्राथमिक और एक उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। कुछ ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक विद्यालय और एक उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। वहीं कुछ परिसर ऐसे हैं जिनमें दो प्राथमिक स्कूल हैं। वर्ष 2017-18 के यू-डायस डाटा के मुताबिक प्रदेश में 18890 उच्च प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनके परिसर में प्राथमिक विद्यालय भी संचालित हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों के साथ संचालित होने वाले प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 19820 है।
इस हिसाब से प्रदेश में 38710 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के विलय से कक्षा एक से आठ तक के 18990 कंपोजिट विद्यालय संचालित करने का इरादा है। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ.सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने स्कूलों के विलय का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है जिसमें कहा गया है जिन विद्यालयों का विलय किया गया है, उनमें पहले से सृजित शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के पद यथावत बने रहेंगे।
ये होंगे फायदे: एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को यदि एक समेकित विद्यालय के तौर पर संचालित करने पर जनशक्ति का बेहतर उपयोग होगा। प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक की व्यवस्था और हर कक्षा के लिए एक क्लास रूम उपलब्ध हो सकेगा। कंपोजिट स्कूलों के विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों के शिक्षकों के शिक्षण अनुभवों का लाभ मिल सकेगा। एक ही परिसर में अलग-अलग संचालित स्कूलों को एक कर शिक्षक-छात्र अनुपात को भी बेहतर बनाया जा सकेगा। 1ऐसे होगी विलय की कार्यवाही 1स्कूल में कक्षा एक से आठ तक आरटीई मानक के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। आगामी शैक्षिक सत्र में 30 सितंबर 2018 की छात्र संख्या के आधार पर समायोजन की कार्यवाही की जाएगी।
विलय के बाद इन विद्यालयों में पदों की गणना विलय होने वाले स्कूलों के पदों के आधार पर की जाएगी। कंपोजिट स्कूल में प्रधानाध्यापक का एक ही कार्यालय होगा। परिसर के सभी विद्यालयों में गठित विद्यालय प्रबंध समितियों को भंग कर कंपोजिट स्कूल के लिए एक विद्यालय प्रबंध समिति गठित की जाएगी।
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