बेसिक शिक्षकों के कार्य और दायित्व हुए तय, समय पर आना, पढ़ना और पढ़ाना के साथ साथ नियत समय में पाठ्यक्रम पूरा करना व अन्य उत्तरदायित्व भी निर्धारित
बेसिक शिक्षकों के कार्य और दायित्व हुए तय, समय पर आना, पढ़ना और पढ़ाना के साथ साथ नियत समय में पाठ्यक्रम पूरा करना व अन्य उत्तरदायित्व भी निर्धारित।
■ उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन, शिक्षकों के कार्य व दायित्व तय।
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का पद निर्धारण करने के साथ ही उनके कार्य व दायित्व भी तय कर दिए हैं।
अब विद्यालयों में शिक्षक अब सिर्फ उपस्थिति दर्ज करके वेतन नहीं ले सकेंगे, बल्कि उन्हें समय पर विद्यालय आना, पढ़ना और पढ़ाना भी पड़ेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अप्रैल 2010 से प्रभावी है। वहीं, परिषदीय स्कूलों में इसी सत्र से शिक्षकों का पद निर्धारण किया गया है। उप्र निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 में की धारा 19 में अध्यापकों के कार्य व दायित्व निर्धारित हैं। उसी को देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने अब अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन किया है।
शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीएसए व एडी बेसिक को भेजे निर्देश में कहा है कि हर शिक्षक को नियमित तौर पर विद्यालय में उपस्थित होकर अध्यापन कार्य करना है। वहीं, छात्र-छात्रओं का लेखन कार्य शुद्धीकरण करके तय समय में पाठ्यक्रम भी पूरा करवाने के साथ ही छात्रों की नियमित उपस्थिति, सीखने की क्षमता पर अध्यापक अभिभावकों को जानकारी देगा।
इसके साथ ही शिक्षक संबंधित स्थानीय प्राधिकारी व विद्यालय प्रबंध समिति के प्रति उत्तरदायी होगा। वहीं, शिक्षकों को हर छात्र-छात्र की फाइल बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिसके आधार पर छात्र-छात्रओं को शैक्षिक प्रमाणपत्र निर्गत किए जाएंगे। इसके साथ ही शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों, पाठ्य विवरण के विकास व अन्य में भी योगदान देने को कहा गया है।
निदेशक डा. सिंह ने बीएसए को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों को नए निर्देशों की सूचना देने के साथ ही उसका पालन सुनिश्चित करवाने को कहा है।
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