69000 शिक्षक भर्ती की मूल पत्रावली में छेड़छाड़ की आशंका, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब, संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट फोरेंसिक जांच का दे सकती है आदेश
69000 शिक्षक भर्ती की मूल पत्रावली में छेड़छाड़ की आशंका, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब, संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट फोरेंसिक जांच का दे सकती है आदेश।
विधि संवाददाता, लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से क्वालिफाइंग मार्क्स तय करने के संबंध में सात जनवरी 2019 के शासनादेश को जारी करने की प्रकिया के बाबत जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मूल पत्रवली में पेज 42 व 43 के चिपकाये जाने पर गंभीर संदेह प्रकट किया है और इस बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि यदि अगली तारीख पर इसका संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता तो इसकी फोरंेसिंक जांच करायी जा सकती है। मामले की अगली सुनवायी 20 फरवरी को होगी। यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने मो. रिजवान व अन्य की ओर से दायर रिट याचिकाओं पर पारित किया। इन याचिकाओं पर पिछले कई दिनों से सुनवायी चल रही है। कोर्ट के आदेश से छह जनवरी 2019 को करायी गयी लिखित परीक्षा का परिणाम लटका पड़ा है। दरअसल सुनवायी के दौरान कहा गया कि सात जनवरी 2019 के जिस शासनादेश से 60 व 65 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स नियत किया गया है उसके पारित करने में नियमों की अनदेखी की गयी है लिहाजा उक्त शासनादेश ही गलत है।
69000 शिक्षक भर्ती की मूल पत्रावली में छेड़छाड़ की आशंका, हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब, संतोषजनक जवाब न मिलने पर कोर्ट फोरेंसिक जांच का दे सकती है आदेश
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:12 AM
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