अनामिका शुक्ला नाम एक और चेहरे अनेक, बहुत से चेहरों से अभी पूरी तरह पर्दा उठना है बाकी, 25 नहीं, 9 कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी कर रही थी अनामिका शुक्ला

अनामिका शुक्ला नाम एक और चेहरे अनेक : सुप्रिया के बाद अब रीना नाम ने उलझाई गुत्थी

अनामिका शुक्ला नाम एक और चेहरे अनेक, बहुत से  चेहरों से अभी पूरी तरह पर्दा उठना है बाकी। 


25 नहीं, 9 कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी कर रही थी अनामिका शुक्ला

महानिदेशक बेसिक शिक्षा का दावा : छह जिलों से करीब 12 लाख का हुआ भुगतान, तीन में एक भी रुपये नहीं


लखनऊ। अनामिका शुक्ला के नाम व दस्तावेज के आधार पर प्रदेश के 25 नहीं, बल्कि नौ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में फर्जी अनामिका नौकरी कर रही थी। यह दावा किया है महानिदेशक, बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद ने। उनके अनुसार पिछले 13 महीने में बागपत के बड़ौत, प्रयागराज के सोरांव और वाराणसी के सेवापुरी केजीबीवी से फर्जी शिक्षिका को एक भी रुपये मानदेय का भुगतान नहीं हुआ। जबकि अन्य छह केजीबीवी से कुल 12 लाख रुपये का भुगतान किया गया।


सिर्फ नौ केजीबीवी में ही अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेज से नियुक्ति के मामले पकड़े गए हैं। कुल 12 लाख रुपये मानदेय का भुगतान किया गया है। हम दस्तावेज का सत्यापन कराने के साथ दक्षता का भी परीक्षण करा रहे हैं। -विजय किरण आनंद, महानिदेशक बेसिक शिक्षा


लखनऊ । Anamika Shukla Case : एक अनामिका शुक्ला और चेहरे अनेक। इन चेहरों से अभी पूरी तरह पर्दा उठना बाकी है। सिर्फ कासगंज में ही सुप्रिया नामक युवती उजागर हुई है। अब प्रयागराज में नया नाम 'रीना' का सामने आया है, जिसने गुत्थी को और उलझा दिया है। वहीं इस प्रकरण से झटका खाये बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को समस्त कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाओं के अभिलेखों की जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने अभिलेखों की जांच कर 26 जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।


प्रयागराज में विभागीय जांच में जिस पते का निवास प्रमाणपत्र कथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला ने लगाया है, इसमें पता रजपालपुर, लखनपुर, कायमगंज जिला फर्रुखाबाद दर्ज है, जबकि इसी पते से सुप्रिया को पुलिस अनामिका के नाम पर नौकरी करने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है। जाहिर है कि जांच में दोनों के कनेक्शन सामने आएंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि जालसाजों ने युवतियों को नियुक्ति दिलाने के बाद निवास प्रमाणपत्र में एक-दूसरे के लिए उनके पतों का उपयोग किया। 


प्रयागराज के सोरांव स्थिति कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में शिक्षिका रही अनामिका शुक्ला के खिलाफ रविवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। रिपोर्ट में दर्ज है कि अनामिका शुक्ला ने आवेदन पत्र के साथ जो निवास प्रमाणपत्र लगाया था, उसके क्रमांक के आधार पर जांच ऑनलाइन दो जून को की गई। पाया गया कि उसी क्रमांक पर प्रमाणपत्र रीना पिता/पति चंद्रभान सिंह के नाम से 19 नवंबर 2014 को निर्गत किया गया है।


राज और नीतू भी निकले फर्जी, कंपिल में इस नाम के शिक्षक नहीं : फर्रुखाबाद के कायमगंज की रहने वाली सुप्रिया ने पूछताछ में नौकरी दिलाने वाले जिस राज का नाम लिया और उसके पिता ने जिस नीतू की चर्चा की, ये दोनों फर्जी निकले। कंपिल के किसी विद्यालय में इस नाम के अध्यापक नहीं पाए गए। सुप्रिया के पिता ग्राम रजपालपुर निवासी महीपाल सिंह ने मास्टरमाइंड को कंपिल के किसी प्राथमिक स्कूल में सेवारत मैनपुरी निवासी नीतू नामक युवक बताया था। कायमगंज ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी शिवशंकर मौर्य के मुताबिक कंपिल ही नहीं कायमगंज ब्लॉक में भी किसी प्राथमिक स्कूल में इस नाम का कोई अध्यापक तैनात नहीं है। चर्चाओं के अनुसार मास्टरमाइंड का कायमगंज के कस्तूरबा गांधी स्कूल में रही एक शिक्षिका के पास भी आना जाना रहा है। कुछ दिन पूर्व ही यह शिक्षिका नौकरी छोड़कर जा चुकी है।


अंबेडकर नगर में बीएड करने वाली अनामिका अलग और अंकपत्र पर प्राचार्या के हस्ताक्षर फर्जी : बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में विज्ञान विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका के पद पर अनामिका शुक्ला के नाम से अलग-अलग चेहरों पर नौकरी करने का फर्जीवाड़ा नौ जनपदों में पुष्ट हुआ है। विभिन्न जिलों में मानदेय भुगतान रोकने, बैंक खाता सीज कराने और मुकदमा दर्ज होने के बाद अभिलेखों की जांच तेजी से जारी है। अंबेडकरनगर में कथित अनामिका के बीएड का अंकपत्र फर्जी पाया गया है। इस पर प्राचार्य के हस्ताक्षर कूटरचित हैं। इसके अलावा बीएड करने वाली अनामिका शुक्ला की तस्वीर भी नौकरी करने वाली आरोपित शिक्षिका से अलग है। कॉलेज प्राचार्या ऊषा श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त मार्कशीट द्वितीय प्रति निकाली गई है। इस पर मेरे कूटरचित हस्ताक्षर हैं।


यू-डायस फीडिंग पूरी होती तो मिलतीं और अनामिका : अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जीबाड़ा यदि सामने आया है तो इसमें यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफोर्मेशन सिस्टम फॉर एजूकेशन (यू-डायस) की बड़ी भूमिका रही। इसे सर्व शिक्षा अभियान के तहत शुरू किया गया था। इसमें शिक्षकों के अलावा स्कूल का संपूर्ण विवरण पोर्टल पर फीड किया जाना था। हालांकि पूरे प्रदेश में इसकी फीडिंग पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। फर्रुखाबाद का ही उदाहरण लें तो एक वर्ष से जारी प्रक्रिया के बावजूद अभी तक बमुश्किल 30 फीसद स्कूलों में फीडिंग पूर्ण हो सकी है। शत प्रतिशत स्कूलों की फीडिंग पूर्ण होने पर अनामिका शुक्ला जैसे और भी मामले सामने आ सकते हैं।


शिक्षा विभाग की नियमावली से अच्छी तरह वाकिफ है कॉकस : अनामिका शुक्ला नामक युवती के दस्तावेज पर उसके ही नाम से जुदा-जुदा चेहरों की नौकरी लगवाने वाला कॉकस शिक्षा विभाग की नियमावली से अच्छी तरह वाकिफ है। आशंका है कि किसी जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) से जुड़ा कोई शख्स भी इस कॉकस का हिस्सा हो, जिसने यहां पर नियुक्ति में मिलने वाली ढील को ही फर्जी शिक्षकों की आड़ बना लिया।


 केजीबीवी में नियुक्ति करने वाले कई शिक्षक भी नहीं जानते कि उनके दस्तावेजों की बेसिक शिक्षा विभाग की तरह जांच होती है या नहीं। यहां बेसिक की तरह साक्षात्कार होता है, लेकिन बेसिक में मूल अभिलेख जमा हो जाते हैं तो यहां वापस हो जाते हैं। आधार कार्ड एवं पते का सत्यापन न करने का नियम भी शिक्षा विभाग से जुड़े लोग जानते हैं। इन सभी ढील का ही कॉकस ने फायदा उठाया। अलग-अलग युवतियों के अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाकर खेल कर डाला।


सत्यापन में भी नहीं खुलता खेल : अनामिका के मामले में उम्र का संदेह होने पर कासगंज की बीएसए अंजलि अग्रवाल ने इसके प्रमाण पत्रों का सत्यापन ऑनलाइन कराया था, लेकिन उसमें अनामिका के दस्तावेज सही निकले, क्योंकि वह सही थे। ऐसे में अगर इनके सभी दस्तावेजों की जांच होती तो भी मामला नहीं खुलता।


भैंस बेचकर दिए थे 50 हजार रुपये : कासगंज में सोमवार को थाने पहुंचे सुप्रिया के पिता महीपाल सिंह ने पूछताछ में बताया कि बेटी की नौकरी के लिए उन्होंने भैंस बेचकर 50 हजार रुपये दिए थे। पुलिस ने सुप्रिया के भाई संघरतन को पिता को सौंप दिया। दूसरी ओर विभाग ने सुप्रिया की संविदा खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।


वाराणसी में अनामिका की नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति : धोखाधड़ी व जालसाजी कर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (सेवापुरी), वाराणसी में विज्ञान शिक्षिका के रूप में मानदेय पर नियुक्त अनामिका शुक्ला की नियुक्ति को निरस्त करने की संस्तुति करते हुए बीएसए राकेश सिंह ने पूरी फाइल जनपद चयन समिति को सौंप दी है। वहीं दूसरी ओर सेवापुरी के खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को अनामिका के खिलाफ जंसा थाने में तहरीर दे दी है। इस तहरीर में बताया गया है कि हसनपुर-मैनपुरी निवासी अनामिका शुक्ला ने पत्र व्यवहार का पता बरपुर-जौनपुर दिया था।


कानपुर व मैनपुरी में दबिश, पते गलत निकले : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बिजौली में कार्यरत अनामिका की ओर से दिए गए दस्तावेजों में लालू गांव पोस्ट जोगा बेवर, मैनपुरी का पता था, जबकि आधार कार्ड (291080653295) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, रसूलाबाद (कानपुर देहात) का खाता (3775329259) पर चंदन पुरवा बिल्हा का पता था। इस आधार पर अलीगढ़ पुलिस की एक टीम मैनपुरी गई, जहां पता चला कि इस पते पर कोई अनामिका नहीं रहती। इसी तरह कानपुर पुलिस के जरिये पता चला कि वहां का पता भी फर्जी है। विद्यालय में लगे सीसी टीवी कैमरे की फुटेज भी खंगालीं गई। इसमें व विभागीय दस्तावेज में उपयोग की गई फोटो एक ही महिला की है। इसके आधार पर अब तलाश शुरू की गई है। यह फोटो अन्य जिलों में पकड़ी गई अनामिका नाम की महिलाओं की फोटो से अलग है।


सूबे में चर्चित अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी दस्तावेजों से 25 जिलों में शिक्षकों को नौकरी लगवाने वाले मास्टरमाइंड मैनपुरी के राज की तलाश में पुलिस टीमें मैनपुरी में डेरा डाले हुए है। उधर जेल में बंद सुप्रिया के पिता ने मैनपुरी के किसी नीतू को 50 हजार देने की बात पुलिस से कही है। पुलिस अब नीतू को लेकर जांच में जुटी है। सोरों कोतवाली पुलिस ने सुप्रिया से पूछताछ में फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड मैनपुरी के राज का मोबाइल नंबर हासिल किया था जिसे सर्विलांस पर लिया गया मोबाइल में लगी हुई आईडी से मैनपुरी के राज का पता तलाशा जा रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी सुशील घुले ने एसओजी सोरों पुलिस की टीम लगाई है।

अनामिका शुक्ला नाम एक और चेहरे अनेक, बहुत से चेहरों से अभी पूरी तरह पर्दा उठना है बाकी, 25 नहीं, 9 कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी कर रही थी अनामिका शुक्ला Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:58 AM Rating: 5

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