सहायक अध्यापक भर्ती 2018 : उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाएं खारिज

सहायक अध्यापक भर्ती 2018 : उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाएं खारिज

बिना ठोस आधार के याचिका दाखिल करने का हो गया है चलन: हाईकोर्ट

परीक्षा संस्था ने एक साल बाद जीती प्रश्नों के गलत उत्तर की जंग

आंसर की को चुनौती देना बना फैशन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा की आंसर की जारी होते ही चुनौती देना फैशन बन गया है। बिना किसी ठोस आधार के मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए याचिकाएं दाखिल की जाती हैं, जो भर्ती प्रक्रिया को विलंबित करता है। याची प्रश्नों के उत्तर गलत साबित करने में नाकाम रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय विषय विशेषज्ञ नहीं हो सकता और न ही उसे प्रश्नों के उत्तर की सत्यता की जांच करने का प्राधिकार है। विशेषज्ञ की राय ही अंतिम मानी जाएगी।


 बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने वालों का संकट टल गया है। सिर्फ चयनित ही नहीं परीक्षा संस्था भी इस दौरान कटघरे में रही वजह, लिखित परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से 142 पर आपत्तियां हुई थीं। कोर्ट में यह विवाद एक साल चला और आखिरकार कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में तल्ख टिप्पणियां करके याचिकाकर्ताओं को भी असहज कर दिया वहीं, परीक्षा संस्था को भी आगे की परीक्षाओं में प्रश्नमाला तैयार करने में अधिक सतर्क रहना होगा।


 परिषदीय स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती उत्तीर्ण प्रतिशत और लिखित परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के जवाब को लेकर विवाद होने से अब तक पूरी नहीं हो सकी है। कुल पदों में से करीब 64 हजार से अधिक चयनितों को दो चरण की काउंसिलिंग में नियुक्ति दी जा चुकी है। अब रिक्त पदों के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग कराने की तैयारी है।

इधर, लगभग हर परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर आपत्ति करने की मानों बाढ़ आ गई है। हर परीक्षा संस्थान को प्रश्नों का जवाब देने में जूझना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की ओर से प्रश्नों के चयन पर भी सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक भर्ती परीक्षा की उत्तरकुंजी आठ मई 2020 को जारी की गई थी। 


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की सहायक अध्यापक भर्ती की आंसर की को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। याचिकाओं में आंसर की में दिए गए सवालों के उत्तरों पर आपत्तियां की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि यह अवधारणा है की उत्तर कुंजी सही है। यदि कोई उसे गलत साबित करना चाहता है तो वह अधिकृत दस्तावेजों के साथ गलत  साबित करे ।


न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने रोहित शुक्ला एवं 110 अन्य याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए  कहा  कि आठ मई 2020 को उत्तर कुंजी जारी की गई थी। जिसे हजारों लोगों ने चुनौती दी। कुल 150 सवालों में से 142 सवालों पर 20 हजार लोगों ने आपत्ति की। जो चयन अक्तूबर 20  व जनवरी 21 में पूरा हो जाना चाहिए था,20 हजार लोगों की  आपत्तियों को तय करने में एक साल तक लटका रहा।


 कोर्ट ने कहा कोर्ट विषय  विशेषज्ञ नहीं हो सकती और न ही कोर्ट को सवालों के उत्तर की सत्यता की जांच करने का प्राधिकार है।विशेषज्ञ की राय अंतिम मानी जाएगी। कोर्ट तय नहीं कर सकती है कि विशेषज्ञों की राय सही है या गलत है। चुनौती देने वालों  की जिम्मेदारी है कि यदि कोई सवाल का जवाब गलत है तो उसे गलत साबित करें।


 कोर्ट ने कहा प्रतियोगी परीक्षा की आंसर कुंजी जारी होते ही चुनौती देना एक फैशन बन गया है। बिना किसी ठोस आधार के मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए याचिकाएं दाखिल की जाती है।  जो भर्ती प्रक्रिया को विलंबित करता है।  कोर्ट ने कहा है याचीगण सवालों के उत्तर गलत साबित करने में नाकाम रहे हैं ।
सहायक अध्यापक भर्ती 2018 : उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली सैकड़ों याचिकाएं खारिज Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:14 AM Rating: 5

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