सरकार से किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त करने वाले निजी / मान्यता प्राप्त विद्यालयों को नहीं मिलेगा फीस प्रतिपूर्ति का लाभ, भूमि का विवरण उपलब्ध कराने का आदेश जारी
सरकार से किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त करने वाले निजी / मान्यता प्राप्त विद्यालयों को नहीं मिलेगा फीस प्रतिपूर्ति का लाभ, भूमि का विवरण उपलब्ध कराने का आदेश जारी
सरकारी सुविधाएं लेने वाले स्कूल शुल्क प्रतिपूर्ति के हकदार नहीं, शासन से सभी विद्यालयों का मांगा ब्योरा
लखनऊ : प्रदेश के ऐसे विद्यालय जो निश्शुल्क या रियायती दर पर सरकार से कोई भूमि, भवन, उपकरण या अन्य सुविधाएं लेने के कारण छात्र-छात्रओं को निश्शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पहले से ही वचनबद्ध हैं। ऐसे विद्यालय वचनबद्धता की सीमा तक प्रतिपूर्ति के हकदार नहीं होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
असल में, निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में सरकार दाखिला करा रही है, बड़ी संख्या में स्कूल छात्र-छात्रओं को प्रवेश देने में आनाकानी कर रहे हैं इसकी शिकायत पर बेसिक शिक्षा विभाग ने गंभीर रुख अपनाया है और स्कूलों की मान्यता छीनने तक का अल्टीमेटम दिया जा चुका है। इसमें संबंधित विद्यालयों की ओर से फीस प्रतिपूर्ति के लिए मांगपत्र जिला कार्यालय में उपलब्ध कराकर भुगतान करने के लिए अनुरोध किया जाता है।
अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों की ओर से राज्य सरकार व स्थानीय अथारिटी से किसी प्रकार का अनुदान या भूमि प्राप्त की गई है। ऐसे विद्यालयों की ओर से फीस प्रतिपूर्ति की मांग नहीं की जाएगी। साथ ही अधिनियम के तहत बच्चों का प्रवेश लिया जाएगा। संयुक्त सचिव स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग नई दिल्ली मनीष गर्ग ने शासन से रिपोर्ट मांगी है कि ऐसे निजी स्कूल जिन्होंने सरकार से अनुदान या रियायती दरों पर भूमि प्राप्त की है की सूचना तय प्रपत्र पर 20 जनवरी तक भेजी जाए।
सरकार से किसी भी प्रकार का अनुदान प्राप्त करने वाले निजी / मान्यता प्राप्त विद्यालयों को नहीं मिलेगा फीस प्रतिपूर्ति का लाभ, भूमि का विवरण उपलब्ध कराने का आदेश जारी
Reviewed by sankalp gupta
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10:18 AM
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