वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राथमिक स्तर पर खेलकूद, बाल कल्याण तथा अन्य क्रियाकलापों हेतु धनराशि आवंटन के सम्बन्ध में
वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राथमिक स्तर पर खेलकूद, बाल कल्याण तथा अन्य क्रियाकलापों हेतु धनराशि आवंटन के सम्बन्ध में।
चंदा जुटा कर प्रतियोगितायें कराने के बाद अब जारी हुई खेल धनराशि
इतने कम खेल बजट में कैसे तैयार होंगे ध्यानचंद और तेंदुलकर? शिक्षकों के चंदे से संपन्न हुए आयोजन, बजट अब हुआ जारी
परिषदीय स्कूलों की खेल प्रतिभाओं को निखारने पर जोर तो दिया जा रहा है, लेकिन बजट किसी मजाक से कम नहीं है। जारी खेल बजट पर नजर डालें तो दो समझ नहीं आता कि कैसे खेल प्रतिभाएं विकसित होंगी? ऐसे में शिक्षा विभाग इस बजट में पचास पैसे में ध्यानचंद और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी तैयार कैसे करेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बजट के बंटवारे पर नजर डालें तो जिला स्तर की खेल प्रतियोगिता के लिए मात्र 60 हजार रुपये ही स्वीकृत हुए हैं। पांच हजार प्रति ब्लॉक के लिहाज से बजट दिया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिता के लिए बेशक बड़ी धनराशि खर्च की जाती रही हो, मगर स्कूली स्तर से लेकर जिला स्तर तक खेल प्रतियोगिताओं को निखारने के लिए शासन भी बजट देने में कंजूसी करता रहा है।
वर्तमान शिक्षा सत्र में ब्लॉक स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के लिए मात्र पांच हजार की व्यवस्था की गई थी। अक्टूबर महीने में ब्लॉक स्तर की खेल प्रतियोगिताएं शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने चंदा देकर मिल जुलकर करा ली थी। नवंबर के महीने में हुई जिला स्तर की खेल प्रतियोगिताएं भी अफसरों व शिक्षा विभाग की ओर से संपन्न तो कराई गई। लेकिन प्रशासन की ओर से खेल प्रतियोगिता के नाम पर बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही प्राप्त हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग की मानें तो ब्लॉक स्तर के लिए पांच हजार रुपये की धनराशि तथा जिला स्तर के लिए 60 हजार रुपये की धनराशि शासन से आई है।
बढ़ना चाहिए खेलों का बजट
बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का कहना है कि स्कूल स्तर से लेकर जिला स्तर तक की खेल प्रतियोगिताओं का बजट बढ़ना चाहिए। शासन की ओर से जो बजट मिलता है, वह बहुत कम है।
तीन महीने बाद आई धनराशि
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नवंबर के महीने में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता संपन्न करा ली गई थीं। जबकि अक्टूबर के महीने में ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिताएं संपन्न हुई थीं। अब शासन की ओर से तीन महीने बाद खेल का बजट बेसिक शिक्षा विभाग को भेजा गया है।
प्राथमिक स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने की मंशा से शासन की ओर से धनराशि आवंटित कर दी गई है। शासन की ओर से खेलकूद व स्कूलों में अन्य शैक्षिक कार्यों के लिए कुल एक 120. 00 लाख (एक करोड़ बीस लाख ) रुपये स्वीकृत हुए हैं। इनमें से प्रति विकास खंडवार के स्कूलों के लिए कुल 44 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
इस धनराशि का उपयोग स्कूलों में खेल आयोजन करने के लिए किया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक संकुल, ब्लॉक् संसाधन केंद्रो के लिए 5 हजार रुपये आवंटित कर दिया गया है।
धनराशि आवंटन में देरी पर उठ रहे सवाल
दो माह पूर्व ही संकुल , ब्लॉक और जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं संपन्न कराई गई है। सरकारी बजट न होने के बावजूद भी शिक्षकों के सहयोग से और अथक प्रयास की बदौलत प्रतियोगिताएं हुई थीं सम्पन्न।
इसके लिए शिक्षकों ने प्रतियोगिताएं संपन्न कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से हजारों रुपये का चंदा जुटा कर खेल की तैयारी और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया था। शासन की ओर से धनराशि आवंटन समय से हो गया होता तो बेहतर तैयारी के साथ खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ होता ।
यदि विभागीय अधिकारी गंभीर रहे होते तो शिक्षकों को चंटा जुटाने की नौबत नही आती। विभाग की ओर से देरी के कारण बच्चों की खेल तैयारी निश्चित रूप से प्रभावित हुई है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राथमिक स्तर पर खेलकूद, बाल कल्याण तथा अन्य क्रियाकलापों हेतु धनराशि आवंटन के सम्बन्ध में
Reviewed by sankalp gupta
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7:34 AM
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