फर्जी बीएड 2004-05 प्रकरण में मा० उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में याचीगणों को विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने हेतु सचिव परिषद का आदेश जारी
सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद ने पूछा - बर्खास्त किए गए 800 से अधिक बेसिक शिक्षकों को नियुक्ति मिली या नहीं?
प्रयागराज। फर्जी अंकपत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों नौकरी पाने के मामले में बर्खास्त किए गए 800 से अधिक सहायक अध्यापकों को दोबारा नियुक्ति मिली या नहीं, इस बाबत बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर सात मार्च तक जानकारी मांगी है। इन शिक्षकों पर आगरा विश्वविद्याल के फर्जी अंकपत्र लगाए जाने का आरोप था।
राजेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को बर्खास्त शिक्षकों को दो सप्ताह में कार्यभार ग्रहण कराते हुए अगले आदेश तक वेतन भुगतान के आदेश दिए थे। आगरा विश्वविद्यालय
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर मांगी सूचना S
से सत्र 2004-05 में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी पाने के मामले में प्रदेश भर के 3365 परिषदीय शिक्षक फंसे हैं। एसआईटी जांच के आधार पर 800 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें कार्यभर ग्रहण कराना है। सचिव ने प्रदेश के 57 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर पूछा है कि इन शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराया या नहीं। उन्होंने फरवरी-2022 में किए गए वेतन भुगतान की सूचना भी मांगी है।
बीएड मामले में बर्खास्त 800 बेसिक शिक्षक फिर तैनाती पाएंगे, आदेश जारी
यूपी : बर्खास्त परिषदीय शिक्षकों को फिर से मिलेगी तैनाती, आदेश जारी
आगरा विश्वविद्यालय की संदिग्ध बीएड डिग्री के चलते नौकरी खोने वाले प्रदेशभर के 800 शिक्षकों को फिर से तैनाती मिलेगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के 22 फरवरी के आदेश के अनुपालन में बर्खास्त शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया है। बता दें कि डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में सत्र 2004-05 में बीएड घोटाला हुआ था।
आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाकर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी पाने वाले और जांच में बर्खास्त 800 से अधिक शिक्षकों को फिर से तैनाती मिलेगी।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के 22 फरवरी के आदेश के अनुपालन में 24 फरवरी को प्रयागराज समेत 57 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर बर्खास्त शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश दिए हैं।
राजेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को बर्खास्त शिक्षकों को दो सप्ताह में कार्यभार ग्रहण कराते हुए अगले आदेश तक वेतन भुगतान के आदेश दिए थे। आगरा विश्वविद्यालय से सत्र 2004-05 में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी पाने प्रदेशभर के 3365 परिषदीय शिक्षक फंसे हैं। एसआईटी जांच के आधार पर 800 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था।
फर्जी बीएड 2004-05 प्रकरण में मा० उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में याचीगणों को विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने हेतु सचिव परिषद का आदेश जारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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8:52 PM
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