स्कूलों को तीन साल के लिए लेना होगा गोद, 27 सुविधाओं को प्राथमिकताओं में उपलब्ध कराने हेतु सूची जारी
स्कूलों को तीन साल के लिए लेना होगा गोद, 27 सुविधाओं को प्राथमिकताओं में उपलब्ध कराने हेतु सूची जारी
परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प के लिए समाज से लें सहयोग, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश।
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के कायाकल्प के लिए अब निजी कंपनियों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर फंड), सामुदायिक सहयोग, प्रतिष्ठित और इच्छुक व्यक्तियों के सहयोग से भी लिया जा सकेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को इस जारी किए हैं।
इस बाबत अब तक ग्राम पंचायत निधि, समग्र शिक्षा, कंपोजिट स्कूल ग्रांट, जल जीवन मिशन, मनरेगा, अवस्थापना विकास निधि, जिला खनिज निधि, स्मार्ट सिटी फंड और नगरीय निकायों में मौजूद फंड से किया जा रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों के भवनों का विभाग के सीमित बजट में कायाकल्प होना संभव नहीं है। ऐसे में विभाग ने स्कूलों के कायाकल्प के लिए अब सीएसआर फंड, सामुदायिक सहयोग, प्रतिष्ठित और इच्छुक व्यक्तियों और पूर्व विद्यार्थियों का सहयोग भी लेने का निर्णय किया है।
ये विद्यालय को गोद लेकर, विद्यालय विकास कोष में धन देकर, फर्नीचर, पाठ्य सामग्री आदि दान कर और विद्यालय में पथ प्रदर्शक बनकर सहयोग कर सकते हैं। इसके क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
लखनऊ। स्कूलों को तीन साल के लिए गोद लेना होगा। सरकार ने 27 सुविधाओं की सूची जारी की है जिसे उपलब्ध कराने में आम आदमी, एनजीओ, सीएसआर, पूर्व छात्र आदि मदद कर सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने बुधवार को स्कूलों को दान, सहयोग देने के लिए कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल के क्रियान्वयन का आदेश जारी कर दिया है।
अब स्कूलों को किसी भी तरह का दान इस पेार्टल की मदद से ही दिया जाएगा। आदेश के मुताबिक पांच श्रेणियों में सहयोग दिया जा सकेगा। स्कूलों में पथ प्रदर्शक बनने के लिए गणित, विज्ञान समेत अन्य विषयों के साथ नृत्य, वाद्ययंत्र या कोई भी कला सिखाई जा सकेगी। पोर्टल पर लॉगिन करके के बाद ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उन्हें एक टोकन नंबर व आभार पत्र दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा : अब आम आदमी भी सरकारी स्कूलों को ले सकेंगे गोद , कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल के जरिए अपने मनचाहे स्कूल को दे सकेंगे मदद, जल्द लांच होगा पोर्टल
अब आम आदमी भी सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए मदद कर सकेगा। स्कूलों को गोद ले सकेगा या फिर स्कूल के लिए पढ़ने-लिखने की सामग्री दे सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल जल्द ही लांच करने जा रहा है।
अभी तक किसी स्कूल को सीधे दान देने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई करनी पड़ती है और इसमें लम्बा समय लगता है, जिसके चलते आम आदमी इससे बचता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों, विधायकों, अन्य जनप्रतिनिधियों समेत राजपत्रित अधिकारियों से स्कूल गोद लेने का आह्वान किया है लेकिन अब इसे आगे बढ़ाते हुए विभाग की आम आदमी और समुदाय को भी इससे जोड़ने की योजना है।
इसके तहत कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी, सामुदायिक सहयोग, प्रतिष्ठित या इच्छुक व्यक्तियों समेत स्कूल के पूर्व छात्रों आदि द्वारा दान लिया जा सकेगा। अभी इस दान के लिए इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलेगी लेकिन पोर्टल के चालू हो जाने के बाद विभाग इसके लिए इनकम टैक्स विभाग से पत्राचार कर इसकी व्यवस्था भी करेगा।
कॉपी, किताब, स्टेशनरी आदि भी दे सकेंगे लोग: स्कूलों में अध्ययन सामग्री यानी स्टेशनरी आदि दी जा सकेगी। इसके अलावा यदि कोई स्कूल में पथ प्रदर्शक बनना चाहेगा तो इसकी व्यवस्था भी पोर्टल पर रहेगी। पोर्टल तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
अपने मनचाहे स्कूल को दे सकेंगे मदद
इस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों को किसी भी किस्म की मदद दी जा सकेगी। जिला स्तर पर विद्यालय विकास कोष का खाता खोला जाएगा, जिसमें कोई भी सीधे दान दे सकेगा। लेकिन यदि आप अपने गांव या कस्बे के किसी खास स्कूल को सामान या आर्थिक मदद देना चाहते हैं तो वह भी संभव होगा। इसके लिए आपको पोर्टल पर उस खास स्कूल को चुनना होगा और फिर अपना दान देना होगा।
स्कूलों को तीन साल के लिए लेना होगा गोद, 27 सुविधाओं को प्राथमिकताओं में उपलब्ध कराने हेतु सूची जारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:47 AM
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