मार्च तक 50 विकासखंडों के छात्र छात्राएं पढ़ने में होंगे 'निपुण'
2023 में यूपी के 50 BEO प्राथमिक विद्यालयों को बनाएंगे निपुण स्कूल, बाहरी एजेंसी करेगी दावे को प्रमाणित
50 BEO ने उठाया बीड़ा, दिया जा रहा प्रशिक्षण
मार्च तक 50 विकासखंडों के छात्र छात्राएं पढ़ने में होंगे 'निपुण'
लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को पढ़ने-लिखने में 'निपुण' बनाने की बड़ी शुरुआत करने की तैयारी है। 50 खंड शिक्षा अधिकारी अपने तैनाती वाले विकासखंडों को इसी शैक्षिक सत्र के अंत में मार्च 2023 में 'निपुण' घोषित कर सकते हैं यानी उस ब्लाक के सभी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे मात्र सात माह में ही तय दक्षता हासिल कर लेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग इन विकासखंडों को माडल मानकर अगले साल से अन्य ब्लाकों को भी चरणबद्ध तरीके से 'निपुण' बनाएगा।
कोरोना संक्रमण के बाद प्राथमिक विद्यालय खुलने पर केंद्र सरकार ने निपुण भारत योजना शुरू की है। इसके तहत कक्षा एक से तीन तक में पढ़ने वाले छात्र - छात्राओं को भाषा व गणित में दक्ष बनाया जाना है, क्योंकि बुनियाद मजबूत होने पर आगे की पढ़ाई बेहतर हो सकेगी। प्रदेश में दिसंबर 2021 में इसका शासनादेश जारी हुआ और अब योजना को जनअभियान बनाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने तीन माह का जिलावार लक्ष्य तय किया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि 2026 27 तक प्रदेश को निपुण बनाने की योजना है। 826 विकासखंडों में से 50 खंड शिक्षा अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि वे योजना के तीन साल पहले ही मार्च 2023 तक अपने तैनाती वाले विकासखंड को 'निपुण' ब्लाक घोषित करा देंगे इसके लिए अभी से पढ़ाई कराई जा रही है।
लखनऊ। विभिन्न जिलों के 50 खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अपने-अपने ब्लॉक के परिषदीय स्कूलों को निपुण स्कूल बनाएंगे। अधिकारियों ने खुद तीन साल के लक्ष्य को एक वर्ष में हासिल करने का बीड़ा उठाया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर इन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के अनुसार कोविड काल में स्कूलों की बंदी से प्रभावित पढ़ाई की भरपाई के लिए निपुण भारत मिशन के अंतर्गत कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए विशेष कोर्स तैयार किया गया है। वर्ष 2026 तक इसे अलग-अलग पढ़ाया जाएगा। वर्तमान सत्र में पहली सितंबर से मार्च तक 22 सप्ताह का इसका विशेष क्लासरूम संचालन प्रस्तावित है। भाषा व गणित की इसमें पढ़ाई होनी है।
इसी के तहत वर्तमान सत्र में 50 खंड शिक्षा अधिकारियों को सुपर 50 योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन अधिकारियों ने खुद अपने ब्लॉक में मार्च 2026 तक का लक्ष्य 2023 में ही पूरा करने का वादा किया है।
बाहरी एजेंसी करेगी दावे को प्रमाणित
विद्यालय में बच्चे निपुण योजना के तहत गणित व भाषा में लक्ष्य के अनुरूप पारंगत हुए या नहीं? इसका परीक्षण बाहरी एजेंसी से कराया जाएगा। एजेंसी के सदस्य विद्यालय में बच्चों से बात कर उनकी योग्यता को परखेंगे और बताएंगे कि वह निपुण कार्यक्रम के तहत तैयार हुए या नहीं।
मार्च तक 50 विकासखंडों के छात्र छात्राएं पढ़ने में होंगे 'निपुण'
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:58 AM
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