अनुदेशकों को वर्ष 2017-18 के लिए ही मिलेगा 17000₹ मानदेय, आगे के वर्षों में बढ़ा हुआ मानदेय देने एवं ब्याज देने के सिंगल जज के फैसले पर लगाई रोक

अनुदेशकों को वर्ष 2017-18 के लिए ही मिलेगा 17000₹ मानदेय, आगे के वर्षों में बढ़ा हुआ मानदेय देने एवं ब्याज देने के सिंगल जज के फैसले पर लगाई रोक


प्रदेश के 27 हजार अनुदेशकों को मिलेगा एक सत्र का ही ब्याज रहित 17 हजार मानदेय, एकलपीठ का आदेश रद्द, सरकार की अपील आंशिक रूप से मंजूर


मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की कोर्ट ने दी छूट
 

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को केवल सत्र 2017-18 के लिए 17 हजार रुपये मानदेय स्वीकार किया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर पारित फैसले में दिया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद गत आठ सितंबर को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। खंडपीठ ने शुक्रवार को पारित फैसले में राज्य सरकार की अपील मंजूर कर ली।

अपील में एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें अनुदेशकों को 17 हजार रुपये मासिक मानदेय देने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार ने अपील में एकल पीठ के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि अनुदेशकों की नियुक्ति वर्ष 2017-18 के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत संविदा के आधार पर की गई थी।

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Allahabad High Court: कोर्ट ने याचियों को मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी है.


Allahabad High Court, Prayagraj : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से उम्मीदों को  झटका लगा है, वहीं यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000 मानदेय दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर फैसला सुनाते हुए अनुदेशकों को केवल एक साल सत्र 2017-2018 के लिए 17000 रुपये मानदेय दिए जाने का आदेश दिया है. 


राज्य सरकार की ओर से दाखिल स्पेशल अपील पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच ने ये फैसला सुनाया है.


जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने 3 जुलाई 2019 को अनुदेशकों को 17000 रुपए मानदेय देने का आदेश दिया था. सिंगल बेंच के इस फैसले को राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल कर चुनौती दी थी. राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 8 सितंबर 2022 को फैसला रिजर्व कर लिया था.


हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुएकहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड से अनुदेशकों की नियुक्ति एक साल की होती है. इसलिए इन्हें एक साल का ही 17000 मानदेय मिलना चाहिए. हांलाकि कोर्ट ने याचियों को मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी है. हाईकोर्ट ने अनुदेशकों के मानदेय को लेकर राज्य सरकार को भी आगे निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

अनुदेशकों को वर्ष 2017-18 के लिए ही मिलेगा 17000₹ मानदेय, आगे के वर्षों में बढ़ा हुआ मानदेय देने एवं ब्याज देने के सिंगल जज के फैसले पर लगाई रोक Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:20 PM Rating: 5

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