बिना PRAN पंजीकरण के वेतन आहरण न किए जाने के आदेश के क्रम में समस्त परिषदीय शिक्षकों/कर्मचारियों के PRAN पंजीकरण की कार्यवाही हेतु वित्त नियंत्रक का आदेश
शिक्षकों का विरोध बेअसर, प्रान नहीं तो वेतन नहीं ; वित्त नियंत्रक का फरमान
लखनऊ। नई पेंशन योजना को लेकर परिषदीय शिक्षकों का विरोध बेअसर साबित हुआ। बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने आदेश दिया है कि प्रान (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) का आवंटन न कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोका जाए। प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। इस आदेश के बाद इन शिक्षकों का वेतन रुक सकता है। वित्त नियंत्रक ने इस संबंध में सभी बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारियों को पत्र भेजा है।
दरअसल, शासन ने एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सिर्फ ऐसे कार्मिकों का वेतन जारी करने का निर्देश दिया है, जिनका प्रान आवंटित हो चुका है। ऐसे में इस तिथि के बाद नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मियों का वेतन जारी करने के लिए प्रान जरूरी हो गया है। हालांकि शिक्षक इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। लेकिन, वित्त नियंत्रक का स्पष्ट आदेश होने के बाद अब उनके लिए प्रान आवंटन जरूरी होगा।
बिना PRAN पंजीकरण के वेतन आहरण न किए जाने के आदेश के क्रम में समस्त परिषदीय शिक्षकों/कर्मचारियों के PRAN पंजीकरण की कार्यवाही हेतु वित्त नियंत्रक का आदेश
Reviewed by sankalp gupta
on
9:19 PM
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