परिषदीय विद्यालयों के रजिस्टर होंगे डिजिटलाइज, शासन विकसित करेगा डिजिटल रजिस्टर एप, शिक्षकों-अधिकारियों को दी जाएगी इसकी ट्रेनिंग
तैयारी : शिक्षक व छात्रों की लगेगी डिजिटल हाजिरी, 12 तरह के रजिस्टर होंगे खत्म
■ शिक्षकों को टैब मिलते ही शुरू होगा काम, पहले होगा प्रशिक्षण
■ शिक्षकों से लेकर बच्चों तक की हाजिरी सीधे डिजिटल रजिस्टर में होगी
■ एससीईआरटी निदेशक का प्लान तैयार, बेहतर होगा आंकड़ों का रखरखाव
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को जल्द ही रजिस्टरों पर लिखा-पढ़ी से मुक्ति मिल जाएगी। शिक्षकों को अपनी और विद्यार्थियों की हाजिरी रजिस्टरों में नहीं लगानी होगी। इसके लिए शिक्षकों के पास डिजिटल रजिस्टर रहेंगे। स्कूलों को टैब मिलते ही इस पर काम होने लगेगा। इससे आंकड़ों का रखरखाव बेहतर हो जाएगा।
परिषदीय स्कूलों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को कई तरह के रजिस्टर मेनटेन करने होते हैं। इसमें अधिक समय लगता है और जब कभी आंकड़े आदि मांगे जाते हैं तो इन्हें बार बार लिखकर या डिजिटल फीडिंग कर देना होता है। समय की बचत और आंकड़ों के बेहतर रखरखाव के लिए अब 12 ऐसे रजिस्टर लिए गए हैं, जिनका डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। इन पंजिकाओं का उपयोग वास्तविक समय (रियल टाइम) के लिए हो सकेगा।
12 रजिस्टर जो होंगे डिजिटलाइज
उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टॉक पंजिका, आय व्ययक एवं इश्यू पंजिका (बजटवार), बैठक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका और पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका। रजिस्टरों के डिजिटाइजेशन से कई तरह के लाभ होंगे।
अब परिषदीय स्कूलों में नहीं नजर आएंगे रजिस्टरों के ढेर, हाजिरी समेत स्कूलों से जुड़ा हर डेटा होगा ऑनलाइन
निकट भविष्य में सरकारी स्कूलों का शिक्षण कार्य भले पेपर लेस न हो सके लेकिन अन्य दफ्तरी कामकाज पेपर-लेस अवश्य हो जाएंगे। यानि स्कूलों में हाजिरी, हिसाब, सामाग्रियों समेत अन्य कामों का लेखाजोखा रखने के लिए बने रजिस्टरों के पहाड़ नजर नहीं आएंगे। इन सभी का लेखाजोखा डिजिटलाइज्ड या ऑनलाइन हो जाएगा। ऐसे में खासकर शिक्षकों को मैनुअली रजिस्टर नहीं भरना होगा. बल्कि मोबाइल पर ही उनके ये सारे काम हो जाएंगे।
दरअसल, राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा उप्र द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर्स नाम से नए मॉड्यूल का विकास किया जा रहा है। इस मॉड्यूल के आधार पर डिजिटल रजिस्टर्स के उपयोग के संबंध में शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये शिक्षक स्मार्ट तरीके से विद्यालय से जुड़े रोजमर्रा के काम को डिजिटली अपडेट कर पाएंगे। प्रशिक्षण के बाबत भी जल्द ही नियमावली जारी की जाएगी।
प्रशिक्षण के बाद प्राथमिक विद्यालयों में मैनुअल रजिस्टर
के बजाए अब शिक्षक डिजिटल रजिस्टर का उपयोग करेंगे। इसके लिए सरकार की ओर 12 रजिस्टर्स को डिजिटल करने का निर्देश दिया गया है। आगे चलकर इन पर ऑनलाइन रियल टाइम अपडेशन भी किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने उप शिक्षा निदेशक और सभी जिलों के जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालय रजिस्टर्स के डिजिटलाइजेशन और शिक्षकों के प्रशिक्षण के संबंध में पत्र जारी करके सूचित कर दिया है।
शिक्षकों के समय की होगी बचत विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ शिक्षकों को दिन भर की तमाम गतिविधियों के लिए कई सारे रजिस्टर पर भी काम करना होता है। इसमें शिक्षकों का काफी समय चला जाता है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षक इस समय का सदुपयोग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में करें। इसीलिए डिजिटल रजिस्टर के कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है.
इन रजिस्टरों को किया जाएगा डिजीटल
जिन रजिस्टरों को डिजिटल किया जाना है, उनमें उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, एमडीएम रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर शामिल हैं। इसके अलावा आय व्यय व चेक जारी करने वाला रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर, पत्र व्यवहार रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर, पुस्तकालय व खेलकूद रजिस्टर को भी डिजिटलाइज किया जाएगा।
'रजिस्टर के डिजिटल होने के बाद किसी भी तरह के कागजी रजिस्टर का प्रयोग विद्यालय या अन्य स्तर पर नहीं किया जाएगा। डिजिटल रजिस्टर में दर्ज सूचनाएं ही प्रामाणिक मानी जाएंगी। इससे पारदर्शित आएगी और डाटा में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
- दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव
परिषदीय विद्यालयों के रजिस्टर होंगे डिजिटलाइज, शासन विकसित करेगा डिजिटल रजिस्टर एप, शिक्षकों-अधिकारियों को दी जाएगी इसकी ट्रेनिंग
लखनऊ। प्रदेश में बेसिक के विद्यालयों में डिजिटल पठन-पाठन की व्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ ही अब यहां के आवश्यक दस्तावेज व रजिस्टर को भी डिजिटलाइज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन ने विद्यालयों में प्रयोग किए जाने वाले 12 रजिस्टर को डिजिटल करने का निर्देश दिया है। आगे चलकर इन रजिस्टर पर ऑनलाइन रियल टाइम अपडेशन किया जाएगा।
शासन ने कहा है कि विद्यालय में प्रयोग किए जाने वाले उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, एमडीएम रजिस्टर, समेकित निशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर डिजिटलाइज किया जाएगा।
इसके अलावा आय-व्यय व चेक जारी करने वाला रजिस्टर, बैठक रजिस्टर निरीक्षण रजिस्टर, निरीक्षण रजिस्टर, पत्र व्यवहार रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर पुस्तकालय व खेलकूद रजिस्टर को भी डिजिटलाइज किया जाएगा।
इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर के नाम से नया मॉड्यूल विकसित करेगा। इन रजिस्टर के ऑनलाइन होने के बाद इनके प्रयोग के लिए शिक्षकों व अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। डिजिटल रजिस्टर का प्रयोग जिस दिन से प्रभावी होगा, उस दिन से इनमें सभी एंट्री ऑनलाइन की जाएंगी। जबकि पूर्व के अभिलेख विद्यालय स्तर पर ही संरक्षित किए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि शिक्षक व प्रधानाध्यापक डिजिटल रजिस्टर एप का प्रयोग अपने मोबाइल / स्मार्टफोन से करते हुए सभी सूचनाओं को अपलोड करेंगे। बीईओ, बीएसए, सीडीओ, डीएम व राज्य स्तर के अधिकारी इससे संबंधित सूचनाओं को प्रेरणा एप पर देख सकेंगे। रजिस्टर के डिजिटल होने के बाद किसी भी तरह के रजिस्टर का प्रयोग विद्यालय या अन्य स्तर पर नहीं किया जाएगा। डिजिटल रजिस्टर में दर्ज सूचनाएं ही प्रामाणिक मानी जाएंगी। इससे पारदर्शिता आएगी और डाटा में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी।
गुरु जी के माथे अब 14 डिजीटल रजिस्टर भी, मोबाइल एप के जरिए सभी रजिस्टर ऑनलाइन भरे जायेंगे।
लखनऊ। गुरुजी जल्द ही एक के बाद एक कर 14 रजिस्टर भरने की झंझटों से मुक्त हो जाएंगे। रजिस्टर पर न प्रतिदिन अपनी हाजिरी लगाने की समस्या रहेगी और न ही बच्चों की हाजिरी बनाने के लिए कक्षा तक रजिस्टर लादकर लाने की मजबूरी है। रहेगी। मिड डे मील के रजिस्टर को अलग से संभाल कर रखने की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। अब यह सारे कार्य मोबाइल के जरिये किया जाएगा।
जी हां, मोबाइल पर ही उपस्थिति दर्ज होगी। मोबाइल पर ही शिक्षक डायरी भरी जाएगी। स्टॉक पंजिका, आय- व्यय पंजिका आदि भी उसी पर भरी जाएगी। मतलब यह कि बेसिक शिक्षा विभाग पेपरलेस बनने की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी में है। जानकारों की मानें तो मिशन प्रेरणा-टू के तहत प्राथमिक विद्यालयों में उपयोग हो रहे 14 रजिस्टरों को ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसमें मोबाइल पर एक ऐप तैयार किया गया है।
पूरे प्रदेश में होगा लागूः फिलहाल इस ऐप के जरिये सभी 14 रजिस्टरों के कार्य मोबाइल पर करने की राजधानी लखनऊ के चार विद्यालयों के शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को ट्रेनिंग दी गई है। एक सप्ताह तक मिलने वाले फीडबैक के बाद ग्रीष्मावकाश के बाद पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। हालांकि शिक्षक अब मोबाइल पर किया जाना वाला एक और कार्य अपने जिम्मे लेने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि फिलहाल ऐप पर किये जा रहे तीन कार्य मसलन, यू डायस फीडिंग, डीबीटी और परिवार सर्वेक्षण के कार्य ही काफी जटिल और टाइम टेकिंग हैं।
रजिस्टर इस प्रकार हैं: उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश रजिस्टर, कक्षावार छात्र उपस्थिति रजिस्टर, शिक्षक डायरी, एमडीएम रजिस्टर, बैठक रजिस्टर, समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण रजिस्टर, आय-व्यय पंजिका, चेक इश्यू रजिस्टर, स्टॉक पंजिका, निरीक्षण रजिस्टर, बाल गणना रजिस्टर, पत्र व्यवहार पंजिका तथा पुस्तकालय एवं खेलकूद रजिस्टर ।
शिक्षकों से मोबाइल पर तीन बड़े कार्य पर पहले से ही कराए जा रहे हैं। अब एक कार्य और थोपने की तैयारी है। इसके लिए ना तो कोई सीयूजी नंबर और न ही इंटरनेट डाटा दिया जा रहा है। वीरेन्द्र सिंह, जिलामंत्री, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, लखनऊ
डिजिटाइजेशन काम को काफी आसान बना देता है। विभाग में भी यही करने की कोशिश की जा रही है। ऐप पर ये सारे कार्य होने से पारदर्शिता रहेगी और सभी के लिए काम भी आसान होगा। विजय किरन आनन्द, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
परिषदीय विद्यालयों के रजिस्टर होंगे डिजिटलाइज, शासन विकसित करेगा डिजिटल रजिस्टर एप, शिक्षकों-अधिकारियों को दी जाएगी इसकी ट्रेनिंग
Reviewed by sankalp gupta
on
6:11 AM
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Jaldi kariye ...all total online. Very good 👌👌
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