कस्तूरबा स्कूलों में सेवा समाप्ति के शासनादेश पर रोक बढ़ी, केवल महिला स्टाफ रखने का मामला
कस्तूरबा स्कूलों में सेवा समाप्ति के शासनादेश पर रोक बढ़ी, केवल महिला स्टाफ रखने का मामला
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 10 साल से संविदा पर कार्यरत एकाउंटेंट की सेवा समाप्ति के शासनादेश व सर्कुलर पर लगी रोक 14 अगस्त तक बढ़ा दी है। साथ ही इस मामले में दा़खलि याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गोरखपुर के फारूक अहमद शेख व 30 अन्य संविदा एकाउंटेंट की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर (समग्र शिक्षा) लखनऊ केंद्र सरकार के 12 अक्टूबर 2022 के आदेश के अनुपालन में सर्कुलर जारी किया है, जिसमें केंद्र सरकार ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए वार्डेन, इंचार्ज अध्यापक, आवासीय अध्यापक व स्टाफ केवल महिला रखने का आदेश जारी किया है।
याचियों का कहना है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर ब्लाक में कस्तूरबा बालिका विद्यालय है। पिछले दस वर्षों से याचियों का हर साल जून माह में नवीनीकरण होता आ रहा है। याचियों की संविदा गत 28 फरवरी को समाप्त हो गई है। इस बार भी नवीनीकरण की संस्तुति की गई है लेकिन नवीनीकरण न कर उन्हें हटा दिया गया है।
कस्तूरबा स्कूलों में सेवा समाप्ति के शासनादेश पर रोक बढ़ी, केवल महिला स्टाफ रखने का मामला
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:44 AM
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