उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में विशेष शिक्षकों के स्थायी पदों का सृजन एवं संविदा पर कार्यरत विशेष शिक्षकों के विनियमतीकरण/सामान्य शिक्षकों के समान वेतनमान अनुमन्य कराये जाने के संबंध में अनुपालन हेतु समिति का गठन

शिक्षक नियुक्ति धांधली की जांच में ढिलाई, दिव्यांगों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कुछ, अफसरों ने कर दिया कुछ और


लखनऊ। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा पर हावी सिंडिकेट सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने में भी पीछे नहीं है। मामला बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा है, जहां दिव्यांग बच्चों के चिन्हांकन, नामांकन व ऑनलाइन ट्रैकिंग में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद अब एक नया प्रकरण सामने आया है। दिव्यांगों को शिक्षित करने के लिए रखे गए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में जमकर हुई धांधली का खुलासा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश जो थाः सर्वोच्च न्यायालय ने दिव्यांग बच्चों को पढ़ा रहे विशेष शिक्षकों की योग्यता, डिग्री और दक्षता की जांच के लिए तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर जांच करने को कहा। 

कोर्ट का आदेश था कि राज्य आयुक्त (दिव्यांगजन) की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग के सचिव और भारतीय पुनर्वास परिषद के एक विशेषज्ञ को शामिल कर कमेटी बनाई जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में जो योग्य विशेष शिक्षक पाए जाएं उन्हें आयु सीमा में छूट देने पर विचार भी किया जाए। प्राथमिक विद्यालयों में करीब तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित आदि विकलांग बच्चे पढ़ रहे हैं।


नियुक्तियों में गड़बड़ियां

सूत्रों के अनुसार, कई जिलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में भारी गड़बड़ी हुई है। मौजूदा समय में करीब 25% से अधिक विशेष शिक्षक ऐसे हैं, जो न तो एनसीटीई, न ही दिव्यांगजनों की शिक्षा और पुनर्वास के लिए मानद संस्था भारतीय पुनर्वास परिषद् के मानकों को पूरा करते हैं। इसके बावजूद पूरे प्रदेश में इन विशेष शिक्षकों का अनुबंध हर वर्ष नवीनीकृत किया जा रहा है।


विभाग ने ये की मनमानी

विभाग के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश के विपरीत बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में चहेते चार अधिकारियों की की समिति बना दी है। समिति में निदेशक के अलावा वित्त नियंत्रक, परिषद के सचिव तथा राज्य परियोजना कार्यालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ को सदस्य बनाया गया है। यही समिति प्रदेश भर में कार्यरत लगभग 2300 विशेष शिक्षकों की पात्रता की समीक्षा करेगी।



प्राइमरी स्कूलों में विशेष शिक्षकों पर निर्णय के लिए समिति गठित

लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए रखे गए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष शिक्षकों की योग्यता, डिग्री और दक्षता की जांच के लिए स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर जांच करने को कहा था। कोर्ट के आदेश के क्रम में शासन ने बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है।

समिति में बेसिक शिक्षा निदेशक के अलावा वित्त नियंत्रक, बेसिक शिक्षा परिषद सचिव, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद तथा वरिष्ठ विशेषज्ञ, राज्य परियोजना कार्यालय, उत्तर प्रदेश लखनऊ को सदस्य बनाया गया है।



उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में विशेष शिक्षकों के स्थायी पदों का सृजन एवं संविदा पर कार्यरत विशेष शिक्षकों के विनियमतीकरण/सामान्य शिक्षकों के समान वेतनमान अनुमन्य कराये जाने के संबंध में अनुपालन हेतु समिति का गठन 


उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 07.03.2025 के क्रम में विशेष शिक्षकों के स्थायी पदों का सृजन एवं संविदा पर कार्यरत विशेष शिक्षकों के विनियमतीकरण/सामान्य शिक्षकों के समान वेतनमान अनुमन्य कराये जाने के संबंध में मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन की स्थिति में परीक्षण एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु समिति का  गठन 

उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में विशेष शिक्षकों के स्थायी पदों का सृजन एवं संविदा पर कार्यरत विशेष शिक्षकों के विनियमतीकरण/सामान्य शिक्षकों के समान वेतनमान अनुमन्य कराये जाने के संबंध में अनुपालन हेतु समिति का गठन Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:45 AM Rating: 5

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