पूर्व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा हुए निलम्बित, आदेश देखें

पूर्व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा हुए निलम्बित, आदेश देखें।

मृतक आश्रितों को सीधे अपने स्तर से नियुक्ति प्रदान देने की अनियमितता पर संजय सिन्हा पर गिरी गाज

संजय सिन्हा के विरुद्ध शिकायतों का अंबार, बिना बीएसए के प्रस्ताव के सैकड़ों शिक्षकों के तबादले का आरोप

बेसिक शिक्षा परिषद के पूर्व सचिव के खिलाफ पदोन्नति में भी अनियमितता की होगी जांच,  20 बिंदुओं पर होगी जांच


लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के पूर्व सचिव संजय सिन्हा के खिलाफ पदोन्नतियों में और शिक्षकों की नियुक्ति एवं तैनाती में भी अनियमितता करने की जांच होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिन्हा के खिलाफ विस्तृत विभागीय जांच विभाग की विशेष सचिव डॉ. काजल को सौंपी गई है।

 स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि सिन्हा के खिलाफ 20 बिंदुओं पर जांच होगी। सिन्हा पर आरोप है कि परिषद के सचिव रहते हुए उन्होंने शिक्षकों और लिपिकों को नियम विरुद्ध पदोन्नति दी। उन पर आय से अधिक संपत्तियां हासिल करने, सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति और परिषदीय स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की तैनाती में भी अनियमितता के आरोप हैं।

लखनऊ: संजय सिन्हा के विरुद्ध शिकायतों का अंबार है। वर्ष 2016-17 में बिना बीएसए के प्रस्ताव के आगरा में 33, वाराणसी में 44, देवरिया में 23, बिजनौर में 14, सुलतानपुर में 67 व बाराबंकी में 122 तबादले सीधे करने की शिकायत भी मिली थी। उनके ऊपर कई जिलों में शिक्षकों को नियमों के विपरीत नोशनल पदोन्नति का लाभ देकर विभाग को करोड़ों रुपये की वित्तीय क्षति पहुंचाने का भी आरोप है। 

सुलतानपुर में बीएसए के प्रस्ताव के बिना अध्यापकों के प्रार्थनापत्र पर ही सीधे स्थानांतरण आदेश पारित करने की शिकायत भी मिली थी। सुलतानपुर जिले में जूनियर हाईस्कूल में पद न होने के बावजूद अंतर जिला स्थानांतरण में लगभग 700 शिक्षकों का अवैध तरीके से तबादला करने का मामला भी शासन की जानकारी में आया था। शासन ने इन शिकायतों की जांच महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से कराई थी। महानिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को बीती 29 जनवरी को उपलब्ध करायी थी। जांच में ज्यादातर शिकायतें सही पाई गईं।

लखनऊ: निदेशक साक्षरता संजय सिंहा सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद रहते हुए तमाम गडबड़ियां की। शासन की अनुमति प्राप्त किये बिना अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, उन्नाव आदि जिलों में पांच साल से अधिक समय बीतने पर मृतक आश्रितों को सीधे अपने स्तर से नियुक्ति प्रदान करने की शिकायत भी उनके खिलाफ मिली थी। 

सुलतानपुर में रिक्ति शून्य होने पर भी 500 से अधिक शिक्षकों का अन्य जिलों से वहां स्थानांतरण करने का आरोप भी उन पर था। परिषदीय शिक्षकों को शिथिलता प्रदान करते हुए शासनादेश और विभागीय निर्देशों के विपरीत उनकी पदोन्नति करने की शिकायत भी मिली थी। बहराइच, लखीमपुर खीरी, फतेहपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर व अन्य कई जिलों में लगातार अनुपस्थित रहने या अन्य कारण से बर्खास्त शिक्षकों से घूस लेकर नियमावली के विपरीत फिर से सुनवाई कर उन्हें सेवा में रहने के लिए संबंधित बीएसए को आदेश देने का भी आरोप है।

इनके अलावा वर्ष 2016-17 में बिना बीएसए के प्रस्ताव के आगरा में 33, वाराणसी में 44, देवरिया में 23, बिजनौर में 14, सुलतानपुर में 67 व बाराबंकी में 122 तबादले सीधे करने की शिकायत भी मिली थी। सुलतानपुर जिले में जूनियर हाईस्कूल में पद न होने के बावजूद अंतर जिला स्थानांतरण में लगभग 700 शिक्षकों का अवैध तरीके से तबादला करने का मामला भी शासन की जानकारी में आया था।

शासन ने इन शिकायतों की जांच महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से करायी थी। महानिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को बीती 29 जनवरी को उपलब्ध करायी थी। जांच में ज्यादातर शिकायतें सही पायी गईं।







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पूर्व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा हुए निलम्बित, आदेश देखें Reviewed by sankalp gupta on 9:39 PM Rating: 5

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