शिक्षा मित्रों के मानदेय पर एक राय नहीं : पीडी 5000 तो मंत्री चाहते हैं 8500 देना
- शिक्षा मित्रों के मानदेय पर एक राय नहीं
- परियोजना निदेशक 5000 तो मंत्री चाहते हैं 8500 रुपये दिए जाएं
लखनऊ
(ब्यूरो)। प्रदेश में शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर चाहे
मंत्री हों या फिर अफसर उनमें एक राय नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य
परियोजना निदेशालय ने वित्त वर्ष 2013-14 में मानदेय बढ़ाने के लिए मानव
संसाधन विकास मंत्रालय को 5000 रुपये का प्रस्ताव भेजा था। वहां से यह कहते
हुए इसे वापस कर दिया गया कि राज्य सरकार पहले शासनादेश जारी करे फिर
प्रस्ताव भेजे। राज्य परियोजना निदेशक ने मानदेय 3500 से 5000 करने का
प्रस्ताव शासन को भेजते हुए आदेश जारी करने का अनुरोध किया। लेकिन एक दिन
बाद ही मंत्री ने मानदेय 8500 रुपये करने संबंधी पत्र मानव संसाधन विकास
मंत्री को भेज दिया।
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प्रदेश में 1,53,413
शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। इन्हें प्रतिमाह 3500
रुपये मानदेय दिया जा रहा है। पर शिक्षा मित्र चाहते हैं कि जब तक शिक्षक
नहीं बन जाते हैं, तब तक उनका मानदेय बढ़ा दिया जाए। इसी आधार पर परियोजना
निदेशालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। परियोजना
निदेशक अमृता सोनी ने सचिव बेसिक शिक्षा को 14 अक्तूबर को मानदेय 5000 करने
के लिए शासनादेश जारी करने संबंधी प्रस्ताव भेजा था।
एक
दिन बाद 15 अक्तूबर को बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मानव
संसाधन विकास मंत्री को पत्र भेज दिया। इसमें अनुरोध किया गया है कि मानदेय
3500 से 8500 रुपये प्रति माह कर दिया जाए। मानदेय पर यह कार्यवाही
शिक्षा मित्रों के भी गले नहीं उतर रही है। उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ
के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि पहले यह तय होना चाहिए कि
कितना मानदेय बढ़ाया जाना है, फिर शासनादेश जारी करने के बाद मानव संसाधन
विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाता तो शायद इस पर विचार हो जाता।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षा मित्रों के मानदेय पर एक राय नहीं : पीडी 5000 तो मंत्री चाहते हैं 8500 देना
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:13 AM
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10 comments:
Mantri hi nhi chahta hai ki maandeya 8500 diya jaye varna jhan DA badhane main der nhi lagati to maandeya mn deri kyun???????
S.m. Ka mandey m 5000 ki bradhi karna gov. Ka swagat yogey kadam hai.
Sarkar mandey m bradh k sath -sath 1st batch k s.m. K
samayojan par adhik dhyan dena chaiye .
sarkar shikshamitra ka manday nahi badhyegi apna neta log kisi kam ke nahi hai gov ham logo ko footbal bana ke khel rahi hai kabi 8500 aur 5000 ka sab wada bhul gayi hai 2014 chunav aagya hai usmde sp ko yad aa jaygi.
Ye sarkar time pass kar rahi hai.
Achar sanhita ke baad election oa fir gaye 2017 tak
YE GOV KUCH NAHI KAREGI KABHI 5000 KA TO KABHI 8500 KA LOLYPOP SHIKSHMITRO KA KUCH NAHI KARNE WALE HAI....
Shikshamitra ka sp gov. Par bhrosa hai. Apna vada jaroor pura karege.
Jhunjhuna milega sm ko
YEH GOVT. KUCH NAHI DENE WALIO
यह सरकार की निती जनवरी 2014 मे मालुम पड जायेगा हम लोग अध्यापक बनेगे की नही बहुत कुछ वादा किया था
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