परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिलेगा आईकार्ड
- जुलाई से शुरू होगी कार्ड बनाने की प्रक्रिया
- सर्व शिक्षा अभियान से प्रस्ताव को मिली मंजूरी
लखनऊ।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भी अब आईकार्ड बनेगा। फोटोयुक्त
इस कार्ड में छात्र-छात्रा का नाम, पिता का नाम और उनका क्लास लिखा होगा।
इसे देने का मुख्य मकसद बच्चों की पहचान बनाना है। स्कूल आने पर यह बच्चों
के पास होगा। इसका फायदा यह होगा कि स्कूल में कार्ड देखते ही यह पता चल
जाएगा कि बच्चा किस क्लास में पढ़ता है। इसके अलावा कहीं भी यह कार्ड
बच्चों के लिए उनकी पहचान में मददगार साबित होगा। सर्व शिक्षा अभियान के
राज्य परियोजना निदेशालय से भेजे गए प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूर कर
दिया है। जुलाई से बच्चों के आईकार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
सर्व
शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 8 तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने
के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल खोले जा रहे हैं। इन स्कूलों में
पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताब के साथ यूनिफार्म भी दिए जा रहे
हैं। राज्य सरकार चाहती है कि इनको आईकार्ड भी दिए जाएं। इसमें
छात्र-छात्राओं की फोटो लगी होने के साथ उनका पूरा ब्यौरा हो। सर्व शिक्षा
अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने इस संबंध में भारत सरकार को प्रस्ताव
भेजा था जिसे मंजूरी मिल गई है। प्रत्येक छात्र-छात्रा के आईकार्ड पर 5
रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए स्कूल परिसर में ही कैंप लगाकर फोटोग्राफी
कराई जाएगी।
फैक्ट फाइल :-
फैक्ट फाइल :-
- प्राइमरी स्कूल
- उच्च प्राइमरी स्कूल
- प्राइमरी में बच्चे
- उच्च प्राइमरी में बच्चे
- पहले भी हो चुकी है फोटोग्राफी
परिषदीय
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को फोटोयुक्त आईकार्ड देने के लिए
पहले भी प्रयास किया जा चुका है, लेकिन यह अभियान सफल नहीं हो सका। स्कूलों
में आईकार्ड बनाने के लिए फोटोग्राफी भी कराई गई। पर यह अभियान अधिक दिनों
तक नहीं चल सका और बीच में ही बंद हो गया। इसके पीछे बजट की कमी बताई गई।
इसलिए एक बार फिर नए सिरे से छात्र-छात्राओं को आईकार्ड देने की तैयारी है।
खबर साभार : अमर उजाला
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को मिलेगा आईकार्ड
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
3:36 PM
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