जर्जर भवनों में नहीं चलेंगे स्कूल : जीर्णशीर्ण भवनों में चल रहे स्कूल होंगे स्थानांतरित
- कोई हादसा होने पर जिम्मेदार होंगे बेसिक शिक्षाधिकारी
टपकती छत, उखड़ा प्लास्टर, दीवारों पर उगी घास। तमाम प्राथमिक स्कूलों की लगभग यही तस्वीर है लेकिन अब इन स्कूलों से मुक्ति मिलने वाली है। प्रदेश के ऐसे बेसिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों का स्थानांतरण जल्द ही पास स्थित दूसरे नए विद्यालय में किया जाएगा। अगर स्थानांतरण न हुआ तो भवन के मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को किराए पर चल रहे विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरत अनुसार उनकी मरम्मत और स्थानांतरण कराने का निर्देश दिया है।
प्रदेश भर में 65,024 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल वर्षो से किराए पर चल रहे हैं। इसमें 34,290 स्कूल तो आजादी से पहले एक ही भवन में चल रहे हैं जिनका किराया पांच से 15 रुपये के बीच है। जबकि कुछ स्कूलों का किराया 50 से 90 रुपये के बीच में है। किराया कम होने के कारण भवन स्वामी उसकी मरम्मत कराने में दिलचस्पी नहीं रखते। इसके चलते विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हो गए हैं। छत हर कोने से टपकती है, दीवारों में बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं। इसके चलते लगातार दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है, बच्चों की जान का भी खतरा बना है। इसीलिए बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया है। यदि स्कूल जीर्णशीर्ण है तो वहां के बच्चों को पास के स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। किराए के भवनों में चल रहे विद्यालयों की मरम्मत मकान मालिक के सहयोग से कराना होगा। सचिव का कहना है कि बच्चों की हिफाजत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
प्रदेश भर में 65,024 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल वर्षो से किराए पर चल रहे हैं। इसमें 34,290 स्कूल तो आजादी से पहले एक ही भवन में चल रहे हैं जिनका किराया पांच से 15 रुपये के बीच है। जबकि कुछ स्कूलों का किराया 50 से 90 रुपये के बीच में है। किराया कम होने के कारण भवन स्वामी उसकी मरम्मत कराने में दिलचस्पी नहीं रखते। इसके चलते विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हो गए हैं। छत हर कोने से टपकती है, दीवारों में बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं। इसके चलते लगातार दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है, बच्चों की जान का भी खतरा बना है। इसीलिए बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया है। यदि स्कूल जीर्णशीर्ण है तो वहां के बच्चों को पास के स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। किराए के भवनों में चल रहे विद्यालयों की मरम्मत मकान मालिक के सहयोग से कराना होगा। सचिव का कहना है कि बच्चों की हिफाजत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
जर्जर भवनों में नहीं चलेंगे स्कूल : जीर्णशीर्ण भवनों में चल रहे स्कूल होंगे स्थानांतरित
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:10 AM
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