समय से ड्रेस मिले तो कैसे : अभी तक शासनादेश ही जारी नहीं
- बेसिक शिक्षा मंत्री के निर्देश पर कैसे हो अमल
- अभी तक शासनादेश जारी नहीं
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त में दी जाने वाली किताबें और यूनीफार्म समय से बांटने का निर्देश दिया है। विभाग के मंत्री होने के नाते राम गोविंद चौधरी का यह सरोकार तो ठीक है, लेकिन बच्चों को समय से यूनीफार्म बंटेगी कैसे जब सत्र शुरू होने के 40 दिन बाद भी ड्रेस वितरण का शासनादेश जारी नहीं हो सका है।
सरकार की ओर से परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के सभी बच्चों को हर शैक्षिक सत्र में दो सेट यूनीफार्म नि:शुल्क दी जाती है। सत्र 2014-15 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों के 1.77 करोड़ बच्चों को दो सेट यूनीफार्म मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार की ओर भेजे गए 700 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को केंद्र मंजूरी दे चुका है। इसके बावजूद अब तक यूनीफॉर्म वितरण का शासनादेश जारी नहीं हो सका है। नियमों के तहत यूनीफॉर्म खरीदने और बांटने की जिम्मेदारी स्कूलों के स्तर पर गठित विद्यालय प्रबंध समितियों पर है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण यूनीफार्म मुहैया कराने के मकसद से चुनिंदा कंपनियों से यूनीफार्म की सेंट्रलाइज खरीद करने की मंशा जतायी थी। केंद्र सरकार की ओर से मुख्य सचिव को अवगत कराया जा चुका है कि यूनीफॉर्म की सेंट्रलाइज खरीद नियम विरुद्ध है। बहरहाल इस मुद्दे पर अब तक शासनादेश नहीं जारी हो पाया है।
1असेवित बस्तियों में 1500 स्कूल खोलने का प्रस्ताव केंद्र को : बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 1500 असेवित बस्तियों में स्कूल खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से नि:शक्त 7320 बच्चों की शिक्षा के लिए जिलों में केंद्र संचालित किए जाएंगे। ऐसे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और उन्हें नि:शुल्क उपकरण भी बांटे जाएंगे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
समय से ड्रेस मिले तो कैसे : अभी तक शासनादेश ही जारी नहीं
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:16 AM
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