22.5 फीसदी बच्चे आज भी स्कूल से बाहर, तीन लाख शिक्षकों के पद रिक्त : आरटीई के पांच साल होने पर स्कोर संस्था ने बताई हकीकत

  • 22.5 फीसदी बच्चे आज भी स्कूल से बाहर
  • 65 हजार में 60 सीटों पर भी नहीं मिला गरीब छात्रों को प्रवेश
  • आरटीई के पांच साल होने पर स्कोर संस्था ने बताई पांच साल की हकीकत 

लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुए पांच साल बीत चुके हैं लेकिन निजी विद्यालयों में एक वर्ष में उपलब्ध करीब 65 हजार सीटों में से 60 पर भी गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाया। इतना ही नहीं, प्रदेश में संचालित किसी भी निजी विद्यालय ने शिक्षा के अधिकार कानून के मानकों को पूरा करते हुए मान्यता नहीं ली है।
ये बातें आरटीई एक्टिविस्ट अजय पटेल ने बुधवार को स्टेट कलेक्टिव फॉर राइट टू एजुकेशन (स्कोर) द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं। इस मौके पर ऑक्सफेम के रीजनल मैनेजर नंदकिशोर सिंह ने पिछले वर्ष जारी आरटीई स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश में 6 से 14 वर्ष की आयु के कुल 1,02,62,760 (22.5 फीसदी ) बच्चे विद्यालय से बाहर हैं, जो कि चिंता का विषय है। इनको विद्यालय में प्रवेश के लिए स्थानीय अधिकारियों व एसएमसी सदस्यों द्वारा चाइल्ड ट्रैकिंग करवानी चाहिए। शिक्षा का अधिकार कानून-2009 के पांच साल होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस वार्ता में नेशनल कोलिसन फॉर राइट टू एजुकेशन के संयोजक रमाकांत राय ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गहन चिंतन कर समयबद्घ एक्शन प्लान तैयार करने की जरूरत है।
खबर साभार : अमर उजाला 

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
22.5 फीसदी बच्चे आज भी स्कूल से बाहर, तीन लाख शिक्षकों के पद रिक्त : आरटीई के पांच साल होने पर स्कोर संस्था ने बताई हकीकत Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:05 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.