राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में शिक्षामित्रों का समायोजन पड़ा खटाई में : अनुभव में छूट देकर प्रोन्नति से भी नहीं निकालने वाला है कोई समाधान
- राजधानी में शिक्षामित्रों का समायोजन मुश्किल
- उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहले से ही अधिक शिक्षक
लखनऊ
(ब्यूरो)। शिक्षामित्रों को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षक पद पर
समायोजित करने के लिए निकाला गया बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश का राजधानी
में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने शनिवार को
शिक्षकों को प्रोन्नति देने के नियमों में छूट देने का आदेश जारी किया था।
मुसीबत यह है कि राजधानी के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पद के मुकाबले
शिक्षक पहले ही ज्यादा हैं।
बेसिक शिक्षा
परिषद के सचिव संजय सिन्हा द्वारा आदेश के अनुसार शिक्षकों को विशेष
परिस्थितयों में पांच के बजाय तीन साल में ही प्रमोशन दे दिया जाए। राजधानी
में इस समय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 298 और प्राथमिक विद्यालयों में
386 शिक्षक पद के सापेक्ष ज्यादा हैं। जून में 140 शिक्षक रिटायर होने हैं।
इसके बाद भी पद के मुकाबले शिक्षकों की संख्या ज्यादा ही रहेगी। बीएसए
प्रवीण मणि त्रिपाठी के अनुसार राजधानी के स्कूलों में जब पद खाली होंगे
तभी शिक्षामित्रों का समायोजन हो पाएगा।
शिक्षामित्रों
की विकासखंड माल में हुई बैठक में उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के ब्लॉक
अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने कहा कि जल्द ही समायोजन के लिए विज्ञापन जारी
नहीं किया गया तो शिक्षामित्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
खबर साभार : अमर उजाला
राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में शिक्षामित्रों का समायोजन पड़ा खटाई में : अनुभव में छूट देकर प्रोन्नति से भी नहीं निकालने वाला है कोई समाधान
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:56 AM
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