सूबे में गौरैया संरक्षण की मुहिम भी परिषदीय शिक्षकों और बच्चों के हवाले, विश्व गौरैया संरक्षण दिवस (20 मार्च) की पूर्व संध्या यानी 19 मार्च को विद्यालयों में होगा कार्यक्रम


इलाहाबाद : ‘जो बच्चों को सिखाते हैं उस पर बड़े खुद अमल करें तो यह धरती स्वर्ग बन जाए।’ इस सूत्र वाक्य के जरिए सूबे में गौरैया संरक्षण की मुहिम तेज करने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को गौरैया के संरक्षण की शपथ दिलाई जानी है। 19 मार्च को होने वाले इस आयोजन में शिक्षक एवं बच्चों के साथ उनके अभिभावक भी शामिल होंगे।



घर-आंगन से लेकर चौपाल व चौबारे गौरैया की चहचहाअट से गुलजार रहे हैं। घर का शायद ही कोई कोना हो, जो गौरैया की पहुंच से दूर रहा हो। सुबह का सन्नाटा तोड़ने और शाम को अंधियारे के दस्तक देने तक साथ रहने वाली गौरैया अब गुम हो रही है। नन्हे-मुन्ने तो गौरैया और उनकी चीं-चीं को जानते तक नहीं, लेकिन जो जानते भी हैं वह इतने बड़े हो गए हैं कि गौरैया के लिए उनका कुछ करना शायद उन्हें छोटा काम लगता है। ऐसे में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के जरिए ही गौरैया संरक्षण पर अमल होगा।


मंशा यह है कि परिषद के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक एवं अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चे जब नन्हीं जान के प्रति जागरूक होंगे तो वहां के शिक्षक व अन्य स्टाफ भी कुछ करने को विवश होगा। साथ ही बच्चों के जरिए संदेश हर घर तक पहुंचेगा। 


बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि वह विश्व गौरैया संरक्षण दिवस (20 मार्च) की पूर्व संध्या यानी 19 मार्च को स्कूलों में छात्र-छात्रओं को पर्यावरण संरक्षण एवं गौरैया संरक्षण के लिए शपथ दिलवाएं और शपथ पत्र भी भरवाएं। इस संबंध में सहयोग देने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को भी पत्र भेजा गया है।

सूबे में गौरैया संरक्षण की मुहिम भी परिषदीय शिक्षकों और बच्चों के हवाले, विश्व गौरैया संरक्षण दिवस (20 मार्च) की पूर्व संध्या यानी 19 मार्च को विद्यालयों में होगा कार्यक्रम Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:02 AM Rating: 5

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