अंतरजिला तबादले को तैनाती वाले जिले में पांच साल सेवा जरूरी, राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल के हस्तक्षेप से समयावधि घटाने पर सहमति बनी, पूर्व में लाभ लेने वाले भी होंगे वंचित
लखनऊ : बेसिक शिक्षकों के अंतरजिला तबादले के लिए शासन उनकी तैनाती वाले जिले में अध्यापकों की न्यूनतम सेवा अवधि को घटाने पर विचार कर रहा है। फिलहाल शासन स्तर पर जो सहमति बनी है, उसके मुताबिक अपनी तैनाती वाले जिले में पांच साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले शिक्षक दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
⚫ शिक्षकों के दबाव में शासन स्तर पर समयावधि घटाने पर सहमति
⚫ मूल प्रस्ताव में कम से कम 15 साल की सेवा की थी शर्त
शिक्षकों के अंतर जिला तबादले के लिए निदेशालय ने पिछले महीने शासन को स्थानांतरण नीति का प्रारूप भेजा था। इस प्रारूप में व्यवस्था थी कि अपनी तैनाती वाले जिले में न्यूनतम 15 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक ही एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। विभाग में अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस समयावधि को घटाकर 10 साल करने पर रजामंदी बनी थी।
सूत्रों के मुताबिक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल के हस्तक्षेप से अब इस समयावधि को घटाकर पांच साल करने पर सहमति बनी है। ऐसे शिक्षक जो आवेदन के वर्ष में 31 मार्च तक तैनाती वाले जिले में न्यूनतम पांच वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके हों और इससे पहले कभी अंतरजिला तबादले का लाभ न लिया हो, वे ही एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। माना जा रहा है कि शिक्षकों के दबाव में समयावधि घटाने पर सहमति बनी है। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षकों का अंतर जिला तबादला वरीयता के आधार पर होगा जिसके लिए गुणवत्ता अंक तय किये गए हैं। तबादले के लिए शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प देना होगा।
उधर स्थानांतरण नीति जारी न होने से बेसिक शिक्षकों में असमंजस बना है। परिषदीय स्कूलों में 20 मई से ग्रीष्मावकाश हो चुका है। शिक्षकों को उम्मीद थी कि ग्रीष्मावकाश आरंभ होते ही तबादले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह बात और है कि गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के दो हफ्ते बाद भी स्थानांतरण नीति का प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है और इस बाबत शासनादेश जारी नहीं हो पाया है।
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