नौ सदस्यीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति की अध्यक्षता करेंगे कस्तूरीरंगन, नए सिरे से नीति को गढ़ने का जिम्मा
नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर काम करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक नई समिति का गठन किया है। समिति में नौ सदस्य होंगे।
मंत्रलय ने विभिन्न विशेषज्ञता और शैक्षणिक योग्यता की पृष्ठभूमि के लोगों को इस समिति में शामिल किया है। यह समिति भारतीय शिक्षा नीति को नए सिरे से गढ़ने का काम करेगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की कमान संभाल चुके कस्तूरीरंगन के अलावा समिति में पूर्व आइएएस अधिकारी केजे अल्फोंसे कनामथानम भी हैं। उन्होंने केरल के कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों को पूर्ण साक्षरता दर हासिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। मध्य प्रदेश के महू स्थित बाबा साहब अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति रामशंकर कुरील भी समिति का हिस्सा होंगे। उन्हें कृषि विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है।
सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक राज्य नवोन्मेष परिषद के पूर्व सदस्य सचिव डॉ. एमके श्रीधर, भाषा संचार के विशेषज्ञ डॉ. टीवी कट्टीमनी, गुवाहाटी विश्वविद्यालय में फारसी के प्रोफेसर डॉ. मजहर आसिफ और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी को भी समिति में शामिल किया गया है। उनके अलावा प्रिंसटन विश्वविद्यालय के गणितज्ञ मंजुल भार्गव और मुंबई की एनएनडीटी विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति वसुधा कामत भी इस समिति का हिस्सा होंगी।
एक अधिकारी ने कहा, समिति के गठन में सदस्यों की विशेषज्ञता के साथ-साथ देश की विविधता को भी ध्यान में रखा गया है क्योंकि सदस्य अलग-अलग वगोर्ं और क्षेत्रों से आते हैं। मंत्रलय को उम्मीद है कि इस विविधता से समिति को अहम नीतिगत दस्तावेज तैयार करते वक्त विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखने में मदद मिलेगी।
सूत्रों ने बताया कि यह समिति पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली समिति के सुझावों का भी इस्तेमाल करेगी। इस समिति का गठन स्मृति ईरानी के समय में किया गया था।
No comments:
Post a Comment