जुलाई से बच्चों को ड्रेस , पुस्तकें, बस्ता और जूता-मोजा देने की योजनाएं अटकी, टेंडर से लेकर बजट के लेटलतीफी से संभावनाएं पड़ी फीकी
लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का नया शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू हो रहा है। प्रदेश सरकार ने नौनिहालों को जुलाई के फर्स्ट में जूता मोजा, किताबें और ड्रेस उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया था। लेकिन विभागीय अफसरों की लापरवाही से 15 जून को जूते-मोजे के लिए टेंडर निरस्त कर दिया गया। जिससे ड्रेस के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए बजट तक जारी नहीं हो पाया।
कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के गरीब बच्चों को जूते और मोजे उपलब्ध कराने के मकसद से 14 जून 2017 को बेसिक शिक्षा परिषद ने 289 करोड़ का टेंडर आमंत्रित किया था। टेंडर में इच्छुक फर्मों को 26 जून 17 तक टेंडर प्रोसीजर में शामिल होने का मौका दिया गया था, लेकिन टेंडर जारी होने के एक दिन बाद ही 15 जून 2017 को कई फार्मों ने विभाग को शिकायत दर्ज करवाई कि वेबसाइट पर टेंडर प्रदर्शित नहीं हो रहा है। जिसके बाद उन्हें बताया गया कि गुणवत्ता सुधार को ध्यान में रखते हुए टेंडर कैंसिल किया गया है। बच्चों को ड्रेस प्रोवाइड कराने के लिए स्कूलों को अभी तक बजट नहीं दिया गया है।
⚫ क्या कहते हैं विभाग के अफसर?
बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टेंडर कैंसिल होने के बाद से अभी तक दोबारा से जूते मोजे खरीदने के लिए टेंडर नहीं जारी हो पाया है। ऐसे में अगर कुछ दिनों के बाद ई टेंडरिंग के जरिए टेंडर जारी होता है तो स्कूलों में जूते मोजे के डिस्ट्रीब्यूशन में लेट होगा। इसके चलते जुलाई के फर्स्ट वीक में बच्चों को जूता मोजा मिलना संभव नहीं होगा।
⚫ शिक्षा विभाग ने ये कहा
बेसिक एजुकेशन डायरेक्टर, सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह के मुताबिक़ अगले वीक तक स्कूलों में ड्रेस के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए बजट जारी कर दिया जाएगा। जूते मोजे की खरीदारी में गुणवत्ता सुधार को ध्यान में रखते हुए टेंडर कैंसिल किया गया है। नई टेंडर प्रक्रिया में मानकों का ध्यान रखा जाएगा। ताकि बच्चों को अधिक गुणत्ता वाले जूते-मोजे मिल सके। स्कूलों में समय से बुक्स का डिस्ट्रीब्यूशन करने के लिए तैयारियां चल रही है।
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