गोद लेने वाले स्कूलों की सूचना देने में आनाकानी, तमाम जिलों ने एक माह बाद भी तय प्रोफार्मा पर रिपोर्ट नहीं भेजी, 11 अगस्त तक सूचनाएं देने का निर्देश
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों का बेहतर रखरखाव व उम्दा पढ़ाई कराने की योजना पर अफसर ही रोड़ा बन रहे हैं। पहले विद्यालयों को गोद लेने में आनाकानी हुई और अब उसकी सूचना वरिष्ठ अफसरों को भेजने में हीलाहवाली हो रही है। बार-बार निर्देश दिए जाने के बाद भी तमाम जिलों ने एक माह बाद भी तय प्रोफार्मा पर रिपोर्ट नहीं भेजी है। इस पर नाराजगी जताकर 11 अगस्त तक रिपोर्ट तलब की गई है।
शासन ने परिषदीय विद्यालयों में बेहतर पठन-पाठन व क्षेत्र में मॉडल स्कूल की तर्ज पर विकसित करने के लिए स्कूलों को गोद लेने का निर्देश दिया था। इसमें खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर बड़े अफसरों तक को एक-एक प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्कूल गोद लेना था। पहले कई अफसर इससे बचते रहे बाद में जैसे-तैसे प्रक्रिया पूरी की। जिन विद्यालयों को गोद लिया गया है वह किसी मायने में भी अन्य स्कूलों से अलग नहीं हो सके हैं, क्योंकि अफसरों ने वहां अभिभावक की तरह रुचि ही नहीं ली है। यही वजह है कि जब शासन ने यह रिपोर्ट मांगी तो जवाब देने में आनाकानी हो रही है। गोद लिए जाने वाले स्कूलों की सूचनाएं निर्धारित प्रारूप पर साफ्टकॉपी में तैयार कराकर मांगी गई। सभी जिलों को 11 जुलाई तक रिपोर्ट भेजनी थी।
बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय को मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, देवीपाटन, गोरखपुर, बस्ती व लखनऊ मंडल से ही केवल सूचनाएं भेजी जा सकी, इसमें भी लखनऊ जिले की सूचना मंडल की रिपोर्ट में नहीं हैं। इसके अलावा जालौन, कासगंज, बांदा, फीरोजाबाद, बाराबंकी, ललितपुर, मऊ, कुशीनगर, वाराणसी, सोनभद्र, आजमगढ़, चित्रकूट व औरैया की सूचनाएं तय प्रारूप पर आई। जबकि अन्य जिलों व मंडलों ने हार्डकॉपी में सूचनाएं भेजी हैं। मिर्जापुर, संभल व अंबेडकर नगर से कोई सूचना किसी भी रूप में नहीं भेजी गई है। इस पर अफसरों ने नाराजगी जताई है। बेसिक शिक्षा की अपर निदेशक रूबी सिंह ने अब फिर बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर तय प्रारूप पर 11 अगस्त तक सूचनाएं देने का निर्देश दिया है। इन सूचनाओं को वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाना है।
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