शिक्षामित्रों के लिए रास्ता निकालने में जुटी सरकार, शासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक, नहीं बनी अंतिम सहमति, शिक्षामित्र संगठनों ने वार्ता को बताया सकारात्मक
लखनऊ : मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के बाद राज्य सरकार शिक्षामित्रों के लिए राह निकालने में जुट गई है। बुधवार को शासन के अधिकारियों ने शिक्षामित्र प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनके प्रस्तावों पर विचार किया। फिलहाल कोई अंतिम सहमति तो नहीं बनी है लेकिन, शिक्षामित्रों ने वार्ता को सार्थक बताया है।
शिक्षामित्रों के मसले पर विचार के लिए शासन ने पांच वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई है। अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को शिक्षामित्र प्रतिनिधियों गाजी इमाम आला, जितेंद्र शाही और दीनानाथ दीक्षित के साथ समिति ने बैठक की। इसमें प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी व समाज कल्याण विभाग व वित्त विभाग व न्याय विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन के आधार पर अपनी बातें सामने रखी और आश्रम पद्धति विद्यालयों की तर्ज पर नियुक्ति करने के लिए कहा। इस पर अधिकारियों ने बताया कि उनके लिए भी टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। इस पर शिक्षामित्र प्रतिनिधियों ने सूचना अधिकार कानून में हुए एक संशोधन का हवाला दिया। लेकिन, किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।
अंत में शिक्षामित्र प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता से विधिक राय लेने की बात कही। अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई। शिक्षामित्रों की ओर से उनके प्रतिनिधि जितेंद्र शाही ने वार्ता को सार्थक बताया।
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