शिक्षामित्रों के लिए कमेटी बनाई, आंदोलन स्थगित, किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं, सर्वमान्य रास्ता निकालने की सरकार कर रही कोशिश
■ तीन सदस्यीय कमेटी में राज प्रताप सिंह, अवनीश अवस्थी व कौशल
■ आदर्श शिक्षामित्र एसोसिएशन की मांगों पर विचार करेगी कमेटी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिक्षा मित्रों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने समान कार्य, समान वेतन की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है। वहीं इनकी मांगों पर विचार करने के लिए विभागीय अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी और लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की कमेटी भी बनाई है। शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था कि वह उनके सामने अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहते हैं। लिहाजा मुख्यमंत्री ने बुधवार को शिक्षामित्रों से मुलाकात की।
लखनऊ। प्रदेश सरकार का कहना है कि सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने जिला पंचायत अध्यक्ष औरैया तथा डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर के ब्लाक प्रमुख के मामले में यह बात कहीं।
प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षामित्रों के मामले में जो भी कार्रवाई हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में हुई है। राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ पूरी सहानुभूति रखती है और इनकी समस्याओं के समाधान के लिए सर्वमान्य रास्ता निकालने के लिए भी काम कर रही है। शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने एवं शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने का मौका प्रदान करने का फैसला लिया गया। जिसके क्रम में उन्हें टीईटी परीक्षा में 2.5 अंक प्रतिवर्ष के हिसाब से अधिकतम 25 अंक देने का निर्णय भी लिया गया। ।
राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका के मानदेय एवं सेवा शर्तों में सुधार के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट शासन को जल्द भेज दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने कार्यकत्रियों को मानदेय देने के लिए 389 करोड़ रुपये और अतिरिक्त मानदेय के रूप में 123.02 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग जैसी विश्वसनीय संस्था की प्रतिष्ठा भी तत्कालीन सरकार के समय में प्रभावित हुई, जिसके फलस्वरूप वर्तमान सरकार को सीबीआई जांच की संस्तुति करनी पड़ी।
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