मुख्यमंत्री के आश्वासन पर मान गए शिक्षामित्र, तीन दिन से डेरा डाले शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद धरना किया खत्म, आश्रम पद्धति विद्यालय की तर्ज पर वेतन और सुविधाओं की मांग पर मिला आश्वासन
लखनऊ : पिछले तीन दिन से राजधानी में डेरा डाले शिक्षा मित्रों ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद अपना धरना खत्म कर दिया। सरकार ने साफ कर दिया है कि शिक्षामित्रों के लिए फिलहाल, कोई नई घोषणा नहीं होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से बातचीत का सिलसिला जारी रखते हुए कहा है कि सरकार के समक्ष एकमत प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया जाए। उस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। शिक्षामित्रों ने भी वार्ता को सकारात्मक बताया है।
★ एक घंटे तक चली वार्ता, योगी ने मांगा एकमत प्रतिवेदन
★ तीन दिन से राजधानी में डेरा डाले शिक्षामित्रों का धरना खत्म
★ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद वार्ता को बताया सकारात्मक
शिक्षामित्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें मूल पदों पर वापस करने के साथ ही मानदेय दस हजार किए जाने और टीईटी का कार्यक्रम भी जारी कर दिया था। इसके बावजूद तीसरे दिन भी लक्ष्मण मैदान पर शिक्षामित्र दिन भर डटे रहे। दोपहर बाद प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी की योजना बना ली थी लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात को हरी झंडी दे दी। शाम को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा कि सरकार उनसे पूरी सहानुभूति रखती है और इसीलिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार उनकी समस्याओं पर सर्वमान्य रास्ता निकालना चाहती है लेकिन यह तभी संभव है जबकि एकमत होकर मांगें रखी जाएं।
शिक्षामित्र संगठनों से बातचीत में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उनके मुद्दे को सहानुभूति पूर्वक देख रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सीमा में जो भी संभव कदम हैं, वे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षामित्रों से पठन-पाठन पर ध्यान देने की बात कही। शिक्षामित्रों ने आश्रम पद्धति विद्यालय की तर्ज पर वेतन और सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में स्थायी के समान ही सुविधाएं शिक्षकों को मिलती हैं। सीएम ने कहा कि जो भी आपकी मांग है, उसका प्रत्यावेदन अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह को दे दें। नियमानुसार उस पर विचार किया जाएगा।
सीएम संग वार्ता में शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारी जितेंद्र शाही, गाजी इमाम आला, शिव कुमार शुक्ला, दीनानाथ दीक्षित, अवनीश सिंह, रीना सिंह, शिव किशोर सहित दूसरे पदाधिकारी शामिल थे।
■ शिक्षामित्रों की मांगें
• आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों के तर्ज पर वेतनमान।
• एनसीटीई की अधिसूचना में टीईटी छूट का लाभ दिया जाए।
• टीईटी पास करने के न्यूनतम अंकों में 15% की छूट।
• सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करे।
लक्ष्मण मेला मैदान में बुधवार को शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन किया।
दोपहर में हुई बारिश के दौरान भी शिक्षामित्र मुस्तैदी से धरना स्थल पर डटे रहे। शिक्षामित्रों का समर्थन करने के लिए विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा, एमएलसी हेम सिंह पुंडीर और ध्रुव त्रिपाठी भी पहुंचे। उनके वहां पहुंचने के बाद नारेबाजी तेज हो गई।
■ सरकार को तीन दिन का समय : शिक्षामित्रों के नेता गाजी इमाम व रमेश मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान ही एकमत से प्रतिवेदन दे दिया गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन किया जाए और नया अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों का समायोजन किया जाए। इसके साथ ही ‘समान पद, समान वेतन’ के सिद्धांत का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को तीन दिन का समय दिया गया है।
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