बिगड़े बाबुओं पर नजर टेढ़ी, शासन कई वर्ष से एक स्थान पर जमे बाबुओं की बना रहा सूची, पूर्व दोनों डायरेक्टर के गुट के बाबू निशाने पर

शिक्षा निदेशालय : बिगड़े बाबुओं पर नजर टेढ़ी

पूर्व दोनों डायरेक्टर के गुट के बाबू निशाने पर कई दागी बाबुओं की भी पलटी जा रही फाइल
द सहारा न्यूज ब्यूरो इलाहाबाद।प्रदेश सरकार शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद को सुधारने की तरफतेजी से कार्यशुरूकर दिया है।इस दौरान कौन बाबू, कितने वर्षसे एक सीट पर जमा है, उसका विवरण तैयार करवा रहा है।इसके पीछे माना जा रहा हैकि एक पूर्वमाध्यमिक शिक्षा निदेशक / सभापति के खिलाफ जहां सख्त कार्रवाईशुरूहो गयी है वहीं दूसरी ओर दूसरे माध्यमिक शिक्षा निदेशक / सभापति को पद से हटा दिया गया है।ऐसे में उनके खास लोग जो कि कईवर्षसे एक पद पर तैनात हैउनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरूहोगी।हो सकता है कि उनको इलाहाबाद से तबादला लखनऊ और लखनऊ में जमे बाबुओं का तबादला इलाहाबाद, मेरठ, बरेली, गोरखपुर या वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय में किया जा सकता है।इसकी सूची वर्षवार तैयार हो रही है।इस दौरान उन दागी बाबुओं की भी फाइल पलटी जा रही है जिनके खिलाफ कईवर्षसे कार्रवाई लंबित है लेकिन हुई नहीं है।संभावना है कि इन लोगों की सूची तैयार होकर शासन में जाते ही कार्रवाईशुरूहो जायेगी। शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद है।यहां पर करीब 400 कर्मचारी है जबकि शिविर कार्यालय शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में 150 कर्मचारी है।सबसे बड़ी बात यह हैकि सरोजनी नायडू पर मार्गपर दर्जनभर प्रमुख विभागों के कार्यालय स्थित है।एजी , पुलिस मुख्यालय ,यूपी बोर्ड व राजस्व परिषद के आफिस के कर्मचारियों के आने-जाने का समय तय रहता है लेकिन शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश के बाबुओं एवं कर्मचारियों का आने-जाने का समय निश्चिति नहीं रहता है। इतना ही नहीं शिक्षा निदेशालय के 90 फीसदी बाबू और कर्मचारी दो गुटों में बंटे हुए है।एक गुट पूर्वमाध्यमिक शिक्षा निदेशक / सभापति वासुदेव यादव का तो दूसरा गुट निवर्तमान माध्यमिक शिक्षा निदेशक / सभापति अमरनाथ वर्मा के लोगों का है।इससे कार्यपूरी तरह से प्रभावित रहता है।एक गुट के बाबु और कर्मचारी दूसरे गुट के बाबू और कर्मचारियों के खिलाफशिकायत करके पद से हटवाने, कार्रवाई करने में लगे रहते है।इससे विभागीय कार्यप्रभावित हो जाता है।सीसीटीवी नहंी लगी हैं पूरे निदेशालय में: शिक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के मार्डन होने में अभी समय लगेंगा क्योंकि शिक्षा निदेशालय में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है। जो तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैउनमें एक एडी माध्यमिक रमेश कुमार, दूसरा अपर शिक्षा निदेशक बेसिक विनय कुमार पाण्डेय एवं तीसरा सहायक शिक्षा निदेशक विज्ञान रणवीर सिंह यादव के सामने सीसीटीवी एवं बायोमेट्रिक मशीन लगी हुई है।दो बार तो बायोमेट्रिक मशीन को वहां के लोगों ने खराब कर दिया था।पान की पीकों व गंदगी से फैली रहती है

बदबू: शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद के गलियारों एवं परिसर में पान की पीक एवं गंदगी की भरमार है।इससे बाहर से आने वालों को भारी परेशानी होती है।इस तरफ शिक्षा निदेशालय में तैनात अधिकारी जरा भी ध्यान नहीं देते है। बाहर से आने वाले लोग कूड़ा -गंदगी परिसर में फैलाते है।
     
     

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