मिड डे मील के लिए भी जरूरी होगा जीएसटी लेना, भारतीय खाद्य निगम ने इसके बिना राज्यों को खाद्यान्न देने से किया मना
मिड डे मील के लिए भी जरूरी होगा जीएसटी लेना, भारतीय खाद्य निगम ने इसके बिना राज्यों को खाद्यान्न देने से किया मना।
सरकारी स्कूलों में बंटने वाले मिड डे मील के लिए राज्यों को अब जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) नंबर लेना अनिवार्य होगा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने इसके बगैर राज्यों को आगे खाद्यान्न देने से मना कर दिया है। लिहाजा मानव संसाधन मंत्रलय ने राज्यों को जीएसटी नंबर लेने के निर्देश दिए हैं। मिड डे मील के लिए राज्य सरकार को अनाज की आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम कर रहा है। खास बात यह है कि मिड-डे मील के तहत मिलने वाले खाद्यान्न को सरकार ने जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है।
एफसीआई ने अपने कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए इसे अनिवार्य किया है।एमडीएम के निदेशक जी विजय भास्कर ने कहा है कि जीएसटी नंबर के अभाव ने खाद्य निगम ने अनाज देने में असमर्थता जताई तो कई राज्यों ने मानव संसाधन मंत्रलय को पत्र भेज कर दिशा-निर्देश मांगे कि एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद निगम को बिलों के भुगतान के लिए मिड डे मील को भी जीएसटी पंजीकरण नंबर की दरकार होगी। केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना मिड डे मील के तहत राज्य के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त निकाय, मकतब-मदरसों में दोपहर में पका-पकाया भोजन देने का नियम है।
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