कार्यालय या दूसरे स्कूलों में संबद्घ बेसिक शिक्षकों का ब्योरा तलब, मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी बीएसए से मांगी गई एक वर्ष की रिपोर्ट
■ कार्यालय या दूसरे स्कूलों में संबद्घ बेसिक शिक्षकों का ब्योरा तलब
■ मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी बीएसए से मांगी गई एक वर्ष की रिपोर्ट
■ 15 दिन में निदेशक बेसिक शिक्षा व परिषद सचिव को भेजने का आदेश
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■ मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के संबद्धीकरण हेतु 1 अप्रैल 2017 से अब तक पारित समस्त आदेशों का जिलेवार विवरण उपलब्ध कराने सम्बन्धी शिक्षा निदेशक (बेसिक) का आदेश
इलाहाबाद : प्रदेश के विभिन्न जिलों से मुख्यमंत्री कार्यालय को यह शिकायतें मिली हैं कि बड़े पैमाने पर प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को कार्यालय या फिर मनचाहे स्कूलों में संबद्ध किया गया है। इससे प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जिले में एक वर्ष में संबद्ध हुए सभी शिक्षकों का ब्योरा 15 दिन में भेजे। 1
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों की भरमार है, जिन्होंने अफसरों से मिलकर अपना संबद्धीकरण खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, डायट या फिर पसंदीदा स्कूल में करा लिया है। ये शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची हैं। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने 19 अप्रैल को इस संबंध में शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह से रिपोर्ट मांगी है।
डा. सिंह ने इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि जिलों में बीएसए, उप शिक्षा निदेशक बेसिक, जिला विद्यालय निरीक्षक, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा आदि विभिन्न स्तर के कार्यालयों और डायट में कितने शिक्षक संबद्ध हैं। यही नहीं कई जिलों में शिक्षक व शिक्षिकाओं ने मूल तैनाती के विद्यालय से अन्य स्कूलों में अपने को संबद्ध करा लिया है। यह रिपोर्ट 30 जून तक मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जानी है। ऐसे में बीएसए एक अप्रैल 2017 से लेकर अब तक जिले भर में तैनात ऐसे शिक्षकों का ब्योरा 15 दिन में उपलब्ध कराएं। इसकी एक प्रति बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय इलाहाबाद भी भेजी जाए। इस आदेश से हड़कंप मचा है।
छात्र-छात्रओं का मांगा ब्योरा : शिक्षा निदेशक बेसिक ने कक्षा एक से लेकर आठ तक में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं का ब्योरा मांगा है, ताकि उन्हें जल्द स्कूल बैग और जूता-मोजा उपलब्ध कराया जा सके। इसके लिए एक प्रोफार्मा भी जिलों को भेजा गया है, जिस पर सूचनाएं देनी हैं। सभी से यह रिपोर्ट दस मई तक मांगी गई है।
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