अब केजीबीवी की सभी शिक्षिकाओं के मूल शैक्षिक दस्तावेजों की होगी जांच

फर्जीवाड़े से फैली सनसनी : सभी कस्तूरबा विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्रों की होगी जांच


अब केजीबीवी की सभी शिक्षिकाओं के मूल शैक्षिक दस्तावेजों की होगी जांच


रविवार को पुलिस ने फर्जी शिक्षिका प्रिया उर्फ सुप्रिया को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया वहां से उसको 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।...


लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में सभी शिक्षिकाओं के मूल दस्तावेजों की जांच कराने का फैसला किया है। शिक्षिकाओं से अभिलेख मांगे गए हैं। इस मामले में नौ जिलों में एफआईआर दर्ज हुई है।


स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की आइटी टीम को इस काम में लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। इनमें शिक्षिकाओं की नियुक्तियां संविदा के आधार पर होती हैं। विद्यालयों में शिक्षिकाओं की उपस्थिति की डिजिटल मॉनिटरिंग के लिए उन्हें अपनी अटेंडेंस प्रेरणा एप के जरिए दर्ज कराने का आदेश फरवरी में जारी किया गया था। शिक्षकों को अपनी फोटो के साथ उपस्थिति दर्ज करानी होती है।


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिक्षिकाओं की उपस्थिति की डिजिटल मानीटरिंग शुरू होते ही कई शिक्षिकाओं ने विद्यालय आना छोड़ दिया। केजीबीवी में शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं का अंदाज इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बीते दिनों जब सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने इन विद्यालयों की शिक्षिकाओं का दक्षता सत्यापन कराया तो इसके लिए बड़ी संख्या में शिक्षिकाएं आगे नहीं आईं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बताया कि प्रदेश के सभी केजीबीवी में लगभग 5000 शिक्षिकाएं हैं। इनमें लगभग 3500 शिक्षिकाओं ने ही दक्षता सत्यापन कराया। बाकी ने कन्नी काट ली।


नौ जिलों के इन विद्यालयों में दिए गए जांच के निर्देश : महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने अयोध्या, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, प्रयागराज और वाराणसी मंडलों के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को पत्र लिखकर अनामिका शुक्ला के शैक्षिक अभिलेख के आधार पर नौ जिलों के केजीबीवी में फर्जी नियुक्तियों के आधार पर हुए मानदेय भुगतान की जांच कराने का निर्देश दिया था। इनमें केजीबीवी रामनगर (अंबेडकरनगर), भैसराऊ (सहारनपुर), बड़ौत (बागपत), बिजौली (अलीगढ़), सोरांव (प्रयागराज), सेवापुरी (वाराणसी), फरीदपुर (कासगंज), अमेठी और बछरावां (रायबरेली) में एफआइआर दर्ज कराई गई है।

प्रिया जाटव 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर : कासगंज जिले में अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच एसटीएफ करेगी। रविवार को पुलिस ने फर्जी शिक्षिका प्रिया उर्फ सुप्रिया को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, वहां से उसको 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इससे पहले आगरा एसटीएफ की टीम ने आकर उससे पूछताछ की है। उल्लेखनीय है कि अनामिका शुक्ला के नाम से राज्य के कई कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों में विज्ञान की शिक्षिकाएं तैनात हैं। इसमें शनिवार को पुलिस ने कासगंज में कायमगंज (फर्रुखाबाद) निवासी अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी करने वाली प्रिया उर्फ सुप्रिया को गिरफ्तार किया है।


कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला द्वारा प्रदेश के कई जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में तैनाती पाने और और मानदेय हासिल करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।



इस मामले में जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत होगी, उनकी भूमिका की जांच कराकर उनके खिलाफ भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के सभी केजीबीवी में तैनात शिक्षिकाओं की भर्ती/चयन के समय प्रस्तुत किए गए सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन एक निश्चित समय अवधि में तत्काल कराने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी।
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