यूपी : वेतन रोके जाने के फरमान से प्रदेश के अधिकांश बेसिक शिक्षक खौफ में
यूपी : वेतन रोके जाने के फरमान से प्रदेश के अधिकांश बेसिक शिक्षक खौफ में
लखनऊ,अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षकों का डाटा और सत्यापन प्रक्रिया 30 जून तक नहीं पूरी हुई तो शिक्षकों को वेतन रोक दिया जायेगा। बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी इस फरमान के बाद प्रदेश के अधिकांश शिक्षक खौफ में हैं उनका वेतन अगर रूक जायेगा तो क्या होगा।
शिक्षकों कहना है कि साल में कितनी छुट्टियां लीं, कब-कब छुट्टियां पड़ीं इसके साथ-साथ बीआरसी स्तर की कई सारी ट्रेनिंग की जानकारियां बीआरसी स्तर पर ही दर्ज होती हैं, शिक्षकों का यह भी कहना है कि उनकी सर्विस बुक भी बीआरसी मौजूद हैं और सभी स्कूल बंद चल रहे हैं इस स्थिति में शिक्षकों के लिए 30 जून डाटा अपलोडिंग के साथ सत्यापन की प्रक्रिया पूरा कर पाना संभव नहीं दिखायी पड़ रहा है।
शिक्षकों ने जिला स्तर पर इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपना शुरू कर दिया है। शिक्षकों की मांग है कि उनकी पहले सेवा पुस्तिका की मूल प्रति उपलब्ध करायी जाये तभी सही जानकारी फीड की जा सकती है।राष्ट्रीय शैक्षिक महा संघ की ओर जारी ज्ञापन में कहा गया कि प्रमाणित सेवा पुस्तिका उपलब्ध न होने के कारण शिक्षक अपनी सेवा का समस्त डाटा सही से सत्यापित नहीं कर पा रहे हैं, जैसे पूर्व के अवकाश व अन्य जो सेवा पुस्तिका में उपलब्ध है।
बता दें कि निदेशक बेसिक शिक्षा ने पत्र लिखकर सभी बीएसए को निर्देशित किया है कि मानव संपदा पोर्टल पर विवरण का सत्यापन यदि 30 जून 2020 तक पूर्ण नहीं किया गया तो संबंधित शिक्षक का वेतन अवरूद्ध कर दिया जाएगा।
सभी शिक्षक खुद चेक करें अपना विवरण
वहीं दूसरी ओर निदेशक के आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों को अपना विवरण मानव संपदा पोर्टल पर खुद चेक करना होगा। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी है कि वह शिक्षकों को सूचित कर दें कि अपना-अपना ब्योरा ऑनलाइन चेक कर लें ताकि बाद में दिक्कत न हो। निदेशक न कहा कि गूगल फॉर्म के माध्यम से त्रुटियों का निर्धारण कर लें यदि कोई समस्या आती है तो अधिकारी उसका समाधान करें। यदि सत्यापन यदि छूट जाता है और तय समय के बाद पोर्टल लॉक हो जायेगा और शिक्षक इसके लिए खुद उत्तरदायी होंगे, और उनका वेतन रूक सकता है।
शिक्षकों की जो भी समस्या है, उसका समाधान करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गये हैं, यदि मुझ तक कोई शिकायत आती है तो समस्या का समाधान किया जायेगा। -डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, बेसिक शिक्षा निदेशक
शिक्षकों का डाटा फीड करने का काम बीआरसी स्तर का है, पिछले काफी समय से प्रक्रिया पूरा करने काम होना था। कोरोना काल में शिक्षकों पर ही सारी जिम्मेदारी डालना ठीक नहीं है। वेतन रोके जाने की कार्रवाई गलत होगी। -विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्राशिक्षित स्नातक एसोसिएशन (पीएसपीएसए)
शिक्षकों की छुट्टियों से लेकर संपूर्ण जानकारी बीआरसी स्तर पर मौजूद है। पहले कहा गया था कि ऑनलाइन फीडिंग का काम बीआरसी स्तर पर होगा। अब शिक्षकों पर जिम्मेदारी दी जा रही और शिक्षकों का वेतन रोके जाने चेतावनी भी गलत है। -महेश मिश्रा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ
यूपी : वेतन रोके जाने के फरमान से प्रदेश के अधिकांश बेसिक शिक्षक खौफ में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:27 AM
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