अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबादलों पर लगी रोक हटाई, यूपी सरकार को मिली राहत



यूपी: शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला, अंतरजनपदीय तबादलों से रोक हटी

शादी के बाद या मेडिकल आधार पर शिक्षिकाएं पुनः कर सकेंगी तबादले की मांग

 
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों पर लगी रोक हट गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण में अध्यापिकाओं को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि अध्यापिकाएं यदि एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुकी हैं और उसके बाद उनकी शादी हुई है तो वे अंतरजनदीय तबादले की मांग दोबारा कर सकती हैं। उन्हें मेडिकल आधार पर भी दोबारा तबादले की मांग करने का अधिकार है। यह राहत सिर्फ अध्यापिकाओं के लिए है जबकि अध्यापकों पर दो दिसंबर 2019 का शासनादेश लागू होगा और वे एक बार अंतरजनदीय तबादले के बाद दोबारा तबादले की मांग नहीं कर सकेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने प्रदेश सरकार की अंतरजनपदीय तबादला नीति को चुनौती देने वाली दिव्या गोस्वामी सहित अन्य कई याचिकाओं पर दिया है। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 15 अक्तूबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को तबादलों की सूची को अंतिम रूप नहीं देने का निर्देश दिया था। शिक्षकों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सीमांत सिंह, अनिल सिंह बिसेन ने बताया कि याचिकाओं में दो दिसंबर 2019 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी। इस शासनादेश में कहा गया कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुके हैं, वे दोबारा तबादले की मांग नहीं कर सकेंगे। इन वकीलों ने बताया कि कोर्ट ने शासनादेश के क्लाज 16 को सही नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि क्लाज 16 बेसिक शिक्षा स्थानातंरण नीति 2008 और आटीई एक्ट 2009 के प्रावधानों के विपरीत है।



उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों पर लगी रोक हट गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण में अध्यापिकाओं को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि अध्यापिकाएं यदि एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुकी हैं और उसके बाद उनकी शादी हुई है तो वे अंतरजनदीय तबादले की मांग दोबारा कर सकती हैं। उन्हें मेडिकल आधार पर भी दोबारा तबादले की मांग करने का अधिकार है। यह राहत सिर्फ अध्यापिकाओं के लिए है जबकि अध्यापकों पर दो दिसंबर 2019 का शासनादेश लागू होगा और वे एक बार अंतरजनदीय तबादले के बाद दोबारा तबादले की मांग नहीं कर सकेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने प्रदेश सरकार की अंतरजनपदीय तबादला नीति को चुनौती देने वाली दिव्या गोस्वामी सहित अन्य कई याचिकाओं पर दिया है। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 15 अक्तूबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को तबादलों की सूची को अंतिम रूप नहीं देने का निर्देश दिया था।

शिक्षकों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सीमांत सिंह, अनिल सिंह बिसेन ने बताया कि याचिकाओं में दो दिसंबर 2019 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी। इस शासनादेश में कहा गया कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुके हैं, वे दोबारा तबादले की मांग नहीं कर सकेंगे। इन वकीलों ने बताया कि कोर्ट ने शासनादेश के क्लॉज 16 को सही नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि क्लॉज 16 बेसिक शिक्षा स्थानातंरण नीति 2008 और आटीई एक्ट 2009 के प्रावधानों के विपरीत है।



प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले के मामले में फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबादलों पर लगी रोक हटा दी है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद क लाख से ज्यादा टीचर्स के एक से दूसरे जिले में तबादले का रास्ता साफ हो गया है. मामले में दिव्या गोस्वामी समेत सैंकड़ों शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. एक बार तबादले का लाभ ले चुके शिक्षकों को बाहर किए जाने के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं.


यूपी सरकार को राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी सरकार को भी बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के फैसले पर मुहर लगाते हुए अहम आदेश में ये भी कहा कि एक बार ट्रांसफर पा चुके टीचर्स का दोबारा तबादला नहीं हो सकता है. सामान्य परिस्थितियों में दोबारा ट्रांसफर नहीं हो सकता है. यदि विशेष परिस्थितयां हैं तो दूसरी बार भी तबादला हो सकता है.


दोबारा भी मिल सकता है ट्रांसफर
गंभीर बीमारियों से पीड़ित टीचर्स का मेडिकल ग्राउंड पर दोबारा ट्रांसफर हो सकता है. दिव्यांगों को भी विशेष परिस्थिति में लाभ मिल सकता है. ऐसी विवाहित महिला टीचर्स जिन्होंने शादी से पहले तबादला कराया था अब जरूरत के आधार पर ससुराल वाले जिले में ट्रांसफर पाना चाहती हैं, वो भी इस दायरे में आ सकती हैं. खास बात ये है कि बीच सत्र में तबादले नहीं हो सकेंगे, लेकिन इस बार ये आदेश लागू नहीं होगा.


बता दें कि, इस मामले में 15 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी. जिसके बाद जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट से आने वाले इस फैसले पर सभी प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की नजर बनी हुई थी. 54 हजार से से ज्यादा टीचर्स का एक से दूसरे जिले में तबादला होना है. एक लाख से अधिक टीचर्स ने इसके लिए आवेदन किया था.


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अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तबादलों पर लगी रोक हटाई, यूपी सरकार को मिली राहत Reviewed by Brijesh Shrivastava on 9:37 PM Rating: 5

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