जानिए क्या है यूपी के बेसिक शिक्षा स्कूलों के शिक्षकों व बच्चों के लिए गाइडलाइन

जानिए क्या है यूपी के बेसिक शिक्षा स्कूलों के शिक्षकों व बच्चों के लिए गाइडलाइन


स्कूलों में यदि विद्यार्थी अधिक तो दो पालियों में चलेंगी कक्षाएं, अभिभावकों से लिया जाएगा सहमति पत्र

कोरोना महामारी से प्रभावित होने पर विद्यालय नहीं लेंगे कोई गारंटी, लेंगे अभिभावकों से सहमति पत्र

उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को खोलने के लिए शनिवार को गाइडलाइन जारी कर दी गई। इनमें सभी निजी प्राथमिक स्कूलों के साथ परिषदीय और उच्च प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों में अभी हफ्ते में दो-दो दिन ही कक्षाएं लगाई जाएंगी। एक दिन में सिर्फ 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही कक्षा में आएंगे। यानी ऐसे में एक विद्यार्थी को अभी हफ्ते में एक दिन ही स्कूल आने का मौका मिल सकेगा।


बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह की ओर से कक्षा एक से कक्षा आठ तक की समय-सारिणी भी घोषित कर दी गई। कोविड-19 से बचाव के उपायों का सख्ती से पालन करना होगा। परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील भी पूरी सर्तकता के दिया जाएगा। बता दें कि राज्य में कक्षा छह से कक्षा आठ तक के स्कूल 10 फरवरी से और कक्षा एक से कक्षा पांच तक के स्कूल एक मार्च से खोले जाएंगे।

अभिभावकों की सहमति जरूरी : सभी परिषदीय व निजी स्कूलों को अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र भी लेना अनिवार्य होगा। अभिभावक विद्यार्थियों के स्वास्थ्य संबंधित स्थिति और उनके द्वारा की गई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय यात्रा की भी पूरी जानकारी देंगे। अगर विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई करना चाहता है तो उसे वह विकल्प देना होगा। ऐसे विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प देना होगा और उसकी पढ़ाई की मानीटरिंग करना शिक्षक की जिम्मेदारी होगी। वहीं परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाले रसोईये को कोराना प्रोटोकाल का पालन करते हुए बर्तन व खाद्य सामग्री को अच्छे से साफ करना होगा। विद्यार्थियों को पंक्ति में दूर-दूर बैठाकर मिड डे मील दिया जाएगा।


लखनऊ। स्कूल खोलने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार जिन कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, वहां दो पालियों में क्लास होगी। इस संबंध में निर्णय प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंध समिति लेगी।


अगर विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही अध्ययन करना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। छात्र या स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की स्थिति में प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा कक्षा में छात्र-छात्राओं के बीच न्यूनतम 6 फिट की दूरी रहे। विद्यालय के गेट खुले रखे जाएं, ताकि एक  जगह भीड़ न हो। डिजिटल थर्मामीटर, सेनिटाइजर और साबुन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। 


विद्यालय की बसों को प्रतिदिन दो बार सैनिटाइज किया जाए। बस में चढ़ने से पहले सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। बिना मास्क के किसी को भी बस पर बैठने की अनुमति नहीं दी जाए। विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों से सहमति पत्र लें कि विद्यालय कोई ऐसी गारंटी नहीं लेता कि भविष्य में कोई छात्र-छात्रा और अभिभावक इस महामारी से संक्रमित नहीं होगा।

अलग-अलग गेट से विद्यार्थियों का प्रवेश : स्कूलों को नियमति सैनिटाइजेशन कराना होगाा। सामान्यत: छूए जाने वाली सतहें जैसे दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच व डेस्क आदि का सैनिटाइजेशन किया जाएगा। साफ शौचालय व स्वच्छ पेयजल का इंतजाम करना होगा। अलग-अलग गेट से विद्यार्थियों का प्रवेश दिया जाएगा और छुट्टी के बाद सुरक्षित बाहर किया जाएगा। हर विद्यार्थी , शिक्षक व स्टॉफ अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर ही स्कूल आएगा। थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी करनी होगी।


उपस्थिति पर नहीं होगी सख्ती : अभी कोरोना महामारी को देखते हुए विद्यार्थियों की उपस्थिति पर सख्ती नहीं की जाएगी। अधिकतम उपस्थिति के लिए पुरस्कार व मानदेय को भी हतोत्साहित किया जाएगा। अकादमिक कैलेंडर को सभी कक्षाओं से संबंधित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध किया जाएगा।


संक्रमण फैला तो स्कूल नहीं होंगे जिम्मेदार : सहमति पत्र का प्रारूप भी जारी कर दिया गया है। प्रारूप में स्पष्ट लिखा है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्कूल हर संभव प्रयास करेगा, मगर वह यह गारंटी नहीं लेता कि कोरोना नहीं फैलेगा। ऐसे में विद्यार्थी को स्कूल भेजना पूरी तरह अभिभावक की स्वेच्छा पर है। अगर संक्रमण फैलता है तो स्कूल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा। ऐसे में अगर विद्यार्थी के शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है और खांसी व जुकाम के लक्षण हैं तो उसे स्कूल न भेजें।


क्लास में ही असेंबली, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक : स्कूलों को अभी किसी भी ऐसे आयोजन से बचने की सलाह दी गई है, जहां पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना कठिन हो। ऐसे में स्कूलों में समारोह, त्योहार, खेलकूद प्रतियोगिताओं व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया जाएगा। क्लास में ही असेंबली शिक्षक की देखरेख में होगी।


किताब, पेन व पेंसिल एक दूसरे को नहीं दे सकेंगे : विद्यार्थी एक दूसरे से कोई भी सामान क्लास में नहीं लेगा। किताब, पेन, पेंसिल, नोटबुक और भोजन इत्यादि भी वह नहीं लेगा। बाहरी वेंडरों को स्कूल के अंदर खाद्य सामग्री नहीं बेचने दी जाएगी। स्कूल की बसों व वैन का प्रतिदिन दो बार सैनिटाइजेशन किया जाएगा। वहीं पुस्तकालय व प्रयोगशाला में भी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा और मास्क लगाना होगा। स्कूल कैंपस में थूकने पर प्रतिबंध होगा।

■  हफ्ते में कब लगेंगी कक्षाएं

★ प्राथमिक स्तर

कक्षा                      :  दिन
कक्षा एक व पांच।    : सोमवार व गुरुवार
कक्षा दो व चार        : मंगलवार व शुक्रवार
कक्षा तीन               : बुधवार व शनिवार

★ उच्च प्राथमिक स्तर

कक्षा                    :  दिन
कक्षा छह              :  सोमवार व गुरुवार
कक्षा सात             :  मंगलवार व शुक्रवार
कक्षा आठ।            :  बुधवार व शनिवार


विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों से सहमति पत्र लें कि विद्यालय कोई ऐसी गारंटी नहीं लेता कि भविष्य में कोई छात्र-छात्रा और अभिभावक इस महामारी से संक्रमित नहीं होगा। अभिभावक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे के शरीर का तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होना, सांस लेने में दिक्कत, स्वाद का अभाव, खांसी-जुकाम के कोई लक्षण नहीं हैं। कोई भी लक्षण बच्चे में पाए जाते हैं तो बच्चे को विद्यालय नहीं भेजेंगे। अभिभावकों को यह भी बताया जाए कि विद्यालय में बच्चे को भेजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।

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