सर्व शिक्षा अभियान : पाठ्य पुस्तक


सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम में परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व शासकीय विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त निजी विधालयों,मदरसा आदि में अध्ययन कर रही सभी बालिकाओं एवं अनुसूचित जाति,जनजाति के बालकों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित किये जाने का प्राविधान है। करायी जा रही हैं।

राज्य सरकार सर्व शिक्षा अभियान श्रेणी में आने वाले कक्षा 1-8 तक के सभी बालकों को नि:शुल्क पाठय पुस्तकें उपलब्ध करा रही है। वर्ष 2007-08 से सर्व शिक्षा अभियान द्वारा सर्व शिक्षा अभियान श्रेणी के बच्चों को कक्षा 1 व 2 की हिन्दी व गणित की अभ्यास पुसितका तथा कक्षा 3-5 की गणित व अंग्रेजी की अभ्यास पुसितकायें उपलब्ध करायी जा रही हैं।

बेसिक शिक्षा निदेशालय अपने अधीनस्थ राज्य पाठय पुस्तक कार्यालय के माध्यम से नि:शुल्क पाठय पुस्तकों के समय से मुद्रण एवं वितरण तथा बाजार में इनकी उपलब्धता को सुनिश्चित करने हेतु उत्तरदायी है।
  • कार्यों के विनिर्देश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तय की जाती है एवं निदेशक, बेसिक शिक्षा एवं राज्य पाठय पुस्तक अधिकारी (राज्य पाठय पुस्तक कार्यालय) को सूचित की जाती है।
  • राष्ट्रीय निविदा प्रक्रिया के अनुसार पुस्तक के आन्तरिक विषयवस्तु एवं कवर पृष्ठ हेतु पृथक-पृथक तकनीकी एवं वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाती हैं।
  • निदेशक, बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में गठित निविदा समिति में राज्य पाठ्य पुस्तक अधिकारी सदस्य सचिव होते हैं। प्रकाशकों एवं मुद्रकों की तकनीकी बोलियों के आधार पर उनको छंटनी द्वारा चयनित किये जाने के पश्चात् उनके वित्तीय बोलियों का मूल्यांकन किया जाता है एवं तत्पश्चात् अन्तिम चयन किया जाता है।
  • सफल बोलीकर्ता द्वारा उद्धृत न्यूनतम दरें, उन अन्य सफल बोलीकर्ताओं, जो उस न्यूनतम दर पर कार्य करने हेतु सहमत हैं, का लागत मूल्य हो जाता है। इस प्रकार से पाठयपुस्तकों हेतु निर्धारित किये गये न्यूनतम मूल्य में कागज, मुद्रण, बाइंडिंग, पाठयपुस्तक कवर आदि पर आने वाले व्यय तथा नि:शुल्क वितरण की जाने वाली इन पाठयपुस्तकों को जनपद मुख्यालय तक पहुंचाने में परिवहन पर आने वाले व्यय भी समिमलित होते हैं। किन्तु बाजार में विक्रय की जाने वाली पाठय पुस्तकों के परिवहन पर आने वाला व्यय थोक विक्रेता एवं फुटकर विक्रेता द्वारा वहन किया जाता है। नि:शुल्क वितरित की जाने वाली पुस्तक के मूल्य पर मुद्रक प्रकाशक द्वारा 75% की छूट तथा समझौते के तहत पुस्तकों की संख्या पर 15% की रायल्टी राज्य पाठय पुस्तक कार्यालय के माध्यम से सरकार को दी जाती है।
  • मुद्रित की जाने वाली पाठय पुस्तक की प्रतियों की संख्या तथा भुगतान की जाने वाली रायल्टी की यथोचित राशि की जाँच किये जाने हेतु कवर का मुद्रण रिजर्व बैंक आफ इण्डिया द्वारा मान्यता प्राप्त निजी सुरक्षा प्रेसों को सौंपा जाता है।
  • प्रत्येक चयनित मुद्रक को यूनीक कोड नम्बर आवंटित किया जाता है। मुद्रकों द्वारा मुद्रित की जाने वाली प्रत्येक पाठय पुस्तक के आवरण पृष्ठ पर यह यूनीक कोड नम्बर दिखार्इ पड़ना चाहिए। इससे दो उददेश्य पूर्ण होते हैं। प्रत्येक मुद्रक द्वारा मुद्रित किये जा रहे कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण तथा पाठ्यपुस्तकों की अनाधिकृत प्रतियों का बाजार में पहुंचने की संभावना का कम हो जाना।
  • पाठ्य पुस्तक की पाण्डुलिपि सी0डी0-रोम पर एवं इसी के अनुरूप इसकी हार्ड कापी (अर्थात कम्प्यूटर टाइप कापी) मुद्रक प्रकाशक को उपलब्ध करा दी जाती है। इस प्रकार से मुद्रक के लिए कम्प्यूटर द्वारा टाइप कराने की प्रक्रियात्मक समय समाप्त हो जाता है और वे मुद्रण सामग्री का पाजीटिव व निगेटिव बनाते हुए प्लेट तैयार कर तत्काल प्रभाव से मुद्रण प्रारम्भ करने में सक्षम हो जाते हैं। यदि किसी मुद्रक प्रकाशक को किन्हीं कारणवश किसी पुस्तक की पाण्डुलिपि सी0डी0-रोम पर नहीं दी जा सकी है तो उनके द्वारा नमूने की प्रति बनाकर उसे राज्य पाठय पुस्तक कार्यालय में संबंधित विषय विशेषज्ञ एवं निविदा समिति से अनुमोदित कराना पड़ता है।
  • मुद्रण कार्य समाप्त हो जाने एवं कार्य हेतु निर्धारित गुणवत्ता वाले मानकों के अनुसार तैयार सामग्री के सत्यापन के पश्चात प्रत्येक प्रकाशक मुद्रक को स्वयं द्वारा मुद्रित पाठ्य पुस्तक की कम से कम 05 परिसज्जित प्रतियां संबंधित क्षेत्र के सहायक निदेशक (बेसिक) एवं जनपद के खण्ड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराना पड़ता है।
  •  
  • अंतिम रूप से गुणवत्ता नियंत्रण मानकों के अनुकूल पाठ्य पुस्तकों की स्पष्ट एवं निर्दोष गुणवत्ता परीक्षण कर लिये जाने पर मुद्रण आदेश के अनुरूप निर्धारित संख्या में प्रतियां पाये जाने पर, सहायक निदेशक (बेसिक) एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जनपदों में विक्रय हेतु एवं नि:शुल्क वितरण हेतु पुस्तकों को जारी कर दिया जाता है।
  •     शीर्षकों की संख्या (कक्षावार पुस्तकें)

कक्षाशीर्षकों की संख्या ( पुस्तकें )कक्षा शीर्षकों की संख्या ( पुस्तकें )


I 3 (2 कार्य पुस्तिका) VI 14
II 4 (2 कार्य पुस्तिका) VII 13
III 7 (2 कार्य पुस्तिका) VIII 13
IV8 (2 कार्य पुस्तिका)

*स्काउट गाईड और शिक्षा (६ क्लासेस और ७,८) एक पुस्तक जो 6, 7, 8 में पढाया जा रहा है
V 8(2 कार्य पुस्तिका)


योग


30

40

पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन / मुद्रण हेतु अनिवार्य विशिष्टयाँ

वर्षआन्तरिक विशिष्टयाँकवर की विशिष्टयाँ काट-छांट पशचात्
कागजमापमुद्रित रंगों की संख्या कागजमापमुद्रित रंगों की संख्या
2006-07शीट⁄ रीलपेपर कागज पुनर्शोधित पल्व कागज 60जी एसएम50.8 सेमी x 76.2 सेमी4175 जीएस एम53.34 सेमी x 78.74 सेमी4

कक्षा 6,7,8 की गणित की किताब के लिए दो रंग 18.41 सेमी x 24.13 सेमी
हिन्दी माध्यम की कक्षा १ से ५ तक की ३० शीर्षकों वाली एवं कक्षा ५ से ८ तक की ४०शीर्षकों वाली राष्ट्रीयकृत पाठ्य पुस्तकें एवं उर्दू माध्यम की कक्षा-१ से ५ तक की १५ शीर्षकों वाली एवं कक्षा ५ से ८ तक की १८ शीर्षकों वाली राष्ट्रीयकृत पाठ्य पुस्तकें।
 
  नवीनतम प्राविधान
  वर्ष 2009-10 से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, उत्तर प्रदेश में अध्ययन कर रही बालिकओं को पाठय पुस्तकें नि:शुल्क वितरित की जा रही हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अवधि में संदर्भ हेतु सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को पाठ्य पुस्तकों की दस प्रतियां उपलब्ध करायी जा रहीं हैं।


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सर्व शिक्षा अभियान : पाठ्य पुस्तक Reviewed by Brijesh Shrivastava on 11:00 PM Rating: 5

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