शासन सख्त : सीएम के निरीक्षण ने दिलाई शैक्षिक गुणवत्ता की याद : कमी मिली तो नपेंगे खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी


लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासन की ओर से समय-समय पर भले ही लंबे-चौड़े आदेश-निर्देश जारी किये जाते रहे हों, लेकिन नतीजा सिफर है। न तो जमीनी स्तर पर शासन के निर्देशों का पालन हो रहा है और न अधिकारी शासन की मंशा के अनुरूप काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के मोहनलालगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भसंडा के निरीक्षण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। विभाग की ओर से सोमवार को जारी शासनादेश में चेताया गया कि उच्चाधिकारियों द्वारा स्कूलों के निरीक्षण में यदि कमियां पायी जाती हैं तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री के निरीक्षण में परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की कलई खुलने पर शासन स्तर पर जब समीक्षा हुई तो पता चला कि स्कूलों के निरीक्षण के लिए तकरीबन दो महीने पहले आदेश जारी होने के बावजूद अब तक शासन को अफसरों द्वारा किए गए निरीक्षणांे की जानकारी नहीं दी गई है। यह तब है जब परिषदीय स्कूलों में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की निगरानी और समीक्षा के लिए शासन बीते 11 अगस्त को राज्यस्तरीय टास्क फोर्स भी गठित कर चुका है। लिहाजा शासन ने परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक स्तर में सुधार और उनमें चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा और निगरानी के लिए सोमवार को दो शासनादेश जारी किए हैं। इनके जरिए विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर सुधारने और स्कूलों में संचालित कार्यक्रमों की निगरानी व समीक्षा पर जोर दिया गया है।

शासनादेश में कहा गया है कि टास्क फोर्स के अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि शिक्षक रोज अपनी कक्षा के हर बच्चे से गिनती-पहाड़ा सुनें और वर्णमाला व पुस्तक के मुताबिक बच्चों को लिखना-पढ़ना, समझना सिखाएं। दूसरे शासनादेश में कहा गया है कि स्कूलों के निरीक्षण में खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। लिहाजा निदेशक की ओर से खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए जाएं। इसमें वह विभिन्न चीजों की गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर का भी मूल्यांकन करेंगे।

खबर साभार : दैनिक जागरण


परिषदीय स्कूलों में खराब पढ़ाई पर शासन सख्त

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मोहनलालगंज के प्राथमिक स्कूल में निरीक्षण के दौरान मिली खामी के बाद शासन सख्त हो गया है। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने सोमवार को एक आदेश में साफ कहा कि परिषदीय स्कूलों में किसी भी तरह की खामी मिलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक एजूकेशन आफिसर (बीओई) सीधे जवाबदेह होंगे।
मुख्यमंत्री 20 अक्तूबर को प्राथमिक विद्यालय भसंडा मोहनलालगंज लखनऊ में निरीक्षण करने गए थे। उन्होंने इस दौरान मिड-डे-मील के अलावा पढ़ाई की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की थी। सचिव ने कहा है कि बेसिक शिक्षा मंत्री बैठक में यह हमेशा निर्देश देते हैं कि अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और शिक्षकों को पढ़ाने में रुचि लेने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके बावजूद बीएसए व बीईओ निरीक्षण और स्कूली शिक्षा की सुधार में रुचि नहीं ले रहे हैं।
सचिव ने अब साफ निर्देश दिया है कि बीएसए व बीईओ स्कूलों का नियमित निरीक्षण करेंगे। इस दौरान मिड-डे-मील, मुफ्त यूनिफार्म वितरण, पाठ्य-पुस्तक की गुणवत्ता के साथ शैक्षिक स्तर को विशेष रूप से देखेंगे। साथ ही विद्यार्थियों में किताबी जानकारी के साथ सामान्य ज्ञान का स्तर संतोषजनक होना सुनिश्चित कराएंगे। इसके बाद उच्चाधिकारियों को अगर निरीक्षण में खामियां मिली तो बीएसए व बीईओ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण न होने पर जताई नाराजगी
लखनऊ। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने स्कूलों का निरीक्षण नियमित न होने और शासन को जांच आख्या उपलब्ध न कराए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि शासनादेश है कि मंडलीय और निदेशालय स्तर के अधिकारियों का टास्क फोर्स बनाते हुए स्कूलों का निरीक्षण कराया जाएगा और इसकी रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। इसके बावजूद अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं।

खबर साभार : अमर उजाला 
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शासन सख्त : सीएम के निरीक्षण ने दिलाई शैक्षिक गुणवत्ता की याद : कमी मिली तो नपेंगे खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी Reviewed by Brijesh Shrivastava on 5:44 AM Rating: 5

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