कम वेतन मंजूर नहीं : शिक्षामित्र, ज्यादातर शिक्षामित्रों ने कहा-अभी तक 37 हजार से अधिक पा रहे थे वेतन, ऐसे में दस हजार बहुत कम

लखनऊ : लक्ष्मण मेला मैदान में धरना प्रदर्शन के लिए कोई शिक्षामित्र अपने परिवार के साथ आया था तो कोई अपने बच्चे पड़ोसी के भरोसे छोड़कर आया था। बुधवार को प्रदर्शन का तीसरा दिन था, ऐसे में सभी परेशान थे कि आखिर उनका भविष्य क्या होगा? यहां प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने कहा कि अभी तक उन्हें शिक्षक के तौर पर पढ़ाने पर प्राइमरी स्कूल में 37993 रुपये मासिक वेतन मिलता था, ऐसे में अब सरकार कह रही है कि दस हजार रुपये देगी तो खर्चा कैसे चल पाएगा।

कई शिक्षामित्रों ने यह भी कहा कि समाज में लोगों के ताने सुनकर भी तंग हैं। कहां शिक्षक थे और अचानक ऐसा भूचाल आया कि सब बिखर गया। पेश है शिक्षामित्रों से बातचीत।

अभी तक 37993 रुपये वेतन मिल रहा था। अब दस हजार रुपये ही वेतन मिलेगा। ऐसे में खर्चे पूरे नहीं हो पाएंगे। सरकार चाहे तो नया अध्यादेश लाकर हमें राहत दे सकती है।

राजीव गंगवार वर्ष 2000 में शिक्षामित्रों की भर्ती हुई थी। 17 साल से वह अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, लेकिन उन पर बराबर तलवार लटकी हुई है। कोई तरीका निकालकर शिक्षक बनाया जाए।

★  बीनू सिंह अगर राज्य सरकार 1.72 लाख शिक्षामित्रों के भविष्य पर गंभीरता से विचार करे तो हमें राहत जरूर मिल जाएगी। मगर अधिकारी हर बार कोई न कोई पेच फंसा देते हैं।

★  प्रीति सिंह गांव में लोग ताने दे रहे हैं कि तुम्हे हर सरकार ने बेवकूफ बनाया। अब सिर पर तलवार लटक गई है।

सुनील कुमार वेतन कितना मिलेगा यह तो अभी तय नहीं, लेकिन समाज में किरकिरी हो रही है।

कम वेतन मंजूर नहीं : शिक्षामित्र, ज्यादातर शिक्षामित्रों ने कहा-अभी तक 37 हजार से अधिक पा रहे थे वेतन, ऐसे में दस हजार बहुत कम Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:33 AM Rating: 5

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