सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर खेल : बेरोजगार युवकों को ठगा
- मिलते-जुलते ‘सर्व सुलभ शिक्षा कार्यक्रम’ के नाम से निकाला विज्ञापन
- नए स्कूल खोलने का झांसा देकर इंटर पास युवाओं से नौकरी का मांगा आवेदन
- राज्य परियोजना निदेशालय ने जिलाधिकारियों को दिए जाँच के निर्देश
- पिछले साल भी ऐसे ही एक ठग गिरोह का हुआ था पर्दाफाश
लखनऊ। सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर बेरोजगार युवकों से ठगी का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं को झांसे में फांस लूटने वाले गिरोहों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे इस अभियान से मिलते-जुलते नामों से विज्ञापन भी जारी करने लगे हैं। इस बार ‘सर्व सुलभ शिक्षा कार्यक्रम’ के नाम से विज्ञापन जारी किया गया है। जिसमें स्कूल खोलने का झांसा देकर इंटर पास युवाओं से नौकरी के लिए आवेदन मांगा गया है। पिछले साल भी ऐसे ही विज्ञापन जारी किए गए थे। बहरहाल सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने जिलाधिकारियों को इसकी जांच के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर लूटने वाला गिरोह न केवल सक्रिय है बल्कि नित नए फंडे भी अपना रहे हैं। पिछले साल मई में भी सर्वशिक्षा अभियान के नाम पर कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती का विज्ञापन ऐसे ही एक गिरोह ने निकाला था। इसमें युवाओं से 80 रुपये आवेदन शुल्क और 500 रुपये प्रशिक्षण शुल्क वसूले गए। खास बात है कि गिरोह यह सब कुछ राजधानी में रहकर करता रहा। जांच होने के बाद गिरफ्तारियां भी हुईं लेकिन इसका कोई असर ऐसे सक्रिय गिरोहों पर नहीं पड़ा। इस बार लॉरेंस एजुकेशनल एंड डवलपमेंट सोसाइटी नामक संस्था ने सर्व शिक्षा अभियान से मिलते-जुलते नाम का सहारा लेते हुए सर्व सुलभ शिक्षा कार्यक्रम नाम से विज्ञापन निकाला है। विज्ञापन में केवल यही खेल नहीं किया बल्कि भारत सरकार के लोगो का भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें कहा गया है कि संस्था नए स्कूल खोल रही है। जिसके लिए इंटर पास युवाओं की जरूरत है। जबकि जानकारों के अनुसार बिना मान्यता या अनुमोदन के स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं। इसी को लेकर निदेशालय को इस विज्ञापन पर शक हुआ और जांच के निर्देश जारी कर दिए गए।
( समाचार श्रोत--अमर उजाला )प्रदेश में बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर लूटने वाला गिरोह न केवल सक्रिय है बल्कि नित नए फंडे भी अपना रहे हैं। पिछले साल मई में भी सर्वशिक्षा अभियान के नाम पर कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती का विज्ञापन ऐसे ही एक गिरोह ने निकाला था। इसमें युवाओं से 80 रुपये आवेदन शुल्क और 500 रुपये प्रशिक्षण शुल्क वसूले गए। खास बात है कि गिरोह यह सब कुछ राजधानी में रहकर करता रहा। जांच होने के बाद गिरफ्तारियां भी हुईं लेकिन इसका कोई असर ऐसे सक्रिय गिरोहों पर नहीं पड़ा। इस बार लॉरेंस एजुकेशनल एंड डवलपमेंट सोसाइटी नामक संस्था ने सर्व शिक्षा अभियान से मिलते-जुलते नाम का सहारा लेते हुए सर्व सुलभ शिक्षा कार्यक्रम नाम से विज्ञापन निकाला है। विज्ञापन में केवल यही खेल नहीं किया बल्कि भारत सरकार के लोगो का भी इस्तेमाल किया गया है। इसमें कहा गया है कि संस्था नए स्कूल खोल रही है। जिसके लिए इंटर पास युवाओं की जरूरत है। जबकि जानकारों के अनुसार बिना मान्यता या अनुमोदन के स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं। इसी को लेकर निदेशालय को इस विज्ञापन पर शक हुआ और जांच के निर्देश जारी कर दिए गए।
सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर खेल : बेरोजगार युवकों को ठगा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:32 AM
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